बिजनौर के डीएवी डिग्री कॉलेज के छात्र उज्ज्वल राणा की मौत के मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी में पुलिस की धीमी कार्रवाई से छात्रों में भारी नाराजगी है। 48 घंटे में सभी आरोपियों को पकड़ने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन 24 घंटे में सिर्फ एक आरोपी ही गिरफ्तार किया गया। अगर समय पर कार्रवाई नहीं हुई, तो कस्बे में फिर से धरना-प्रदर्शन की संभावना जताई जा रही है।
प्राचार्य और प्रबंधक अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। पुलिस ने मेरठ के सरधना क्षेत्र के गांव भंभोरी निवासी पीटीआई संजीव कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। एसपी देहात आदित्य बंसल ने बुढ़ाना में डीएवी कॉलेज के सामने छात्र के शव रखकर हुई पंचायत में 48 घंटे की मोहलत मांगी थी। छात्रों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों में नाराजगी लगातार बढ़ रही है।
उज्ज्वल राणा की दिल्ली में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। बुधवार को परिजन और ग्रामीण उसकी अस्थियों को विधि विधान के साथ बिजनौर के बैराज घाट पर विसर्जित किया। छात्र के साथी भी इस दौरान मौजूद रहे।
परिवार ने 16 नवंबर को बुढ़ाना में शोक सभा आयोजित की है। अगर पुलिस और प्रशासन ने उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं की, तो उसी दिन फिर से धरना-प्रदर्शन और हंगामे की संभावना जताई जा रही है।
मुकदमे की जानकारी के अनुसार, उज्ज्वल राणा की बहन सलोनी ने 7 नवंबर को प्राचार्य प्रदीप कुमार के खिलाफ पहला मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में प्रबंधक अरविंद कुमार गर्ग, पीटीआई संजीव कुमार और अन्य के नाम भी शामिल किए गए। जांच में तीन पुलिसकर्मियों को भी लाइनहाजिर किया गया।
घटना का संक्षिप्त क्रम:
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6 नवंबर: परीक्षा शुल्क को लेकर कॉलेज में बहस।
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7 नवंबर: प्राचार्य और अन्य पर पिटाई का आरोप।
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8 नवंबर: छात्र ने कॉलेज में आत्मदाह किया।
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9 नवंबर: दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उपचार के दौरान मौत।
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10 नवंबर: कॉलेज के सामने छह घंटे हंगामा, अंतिम संस्कार।
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11 नवंबर: पहली गिरफ्तारी, पीटीआई संजीव कुमार।