मुजफ्फरनगर में छात्र उज्ज्वल राणा की मौत से जुड़े मामले में डीएवी डिग्री कॉलेज बुढ़ाना के प्राचार्य प्रदीप कुमार की अंतरिम जमानत याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई नहीं हो सकी। जिला जज ने अगली तारीख 29 नवंबर तय की है। उधर, सुनवाई की जानकारी मिलते ही छात्र के परिजन कलक्ट्रेट पहुंचकर कार्रवाई की मांग करते रहे।
प्राचार्य की ओर से उनके वकील ने सेशन कोर्ट में अंतरिम जमानत के लिए आवेदन दायर किया था। मामले को लेकर शुक्रवार सुबह से ही परिजनों के साथ सैकड़ों छात्र-छात्राएं और भाकियू अराजनैतिक के प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक कलक्ट्रेट परिसर पहुंचे। विरोध के चलते वकीलों ने अदालत में जमानत अर्जी का कड़ा विरोध किया, जिसके बाद सुनवाई स्थगित कर दी गई।
जमानत अर्जी में प्राचार्य के तर्क
अदालत को दिए गए आवेदन में प्राचार्य प्रदीप कुमार ने दावा किया है कि घटना वाले दिन उन्हें जैसे ही मोबाइल पर जानकारी मिली, सुबह 9:44 बजे उन्होंने तत्काल सीओ बुढ़ाना को अवगत करा दिया था। इसके बाद पुलिस ने उन्हें कोतवाली बुलाया, जहां वह घटनाक्रम को लेकर लिखित बयान भी दे चुके हैं।
उज्ज्वल राणा मामला: अब तक की मुख्य घटनाएँ
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6 नवंबर: परीक्षा शुल्क को लेकर छात्र की कॉलेज में नोकझोंक।
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7 नवंबर: प्राचार्य समेत अन्य पर मारपीट और उत्पीड़न का आरोप।
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8 नवंबर: उज्ज्वल ने कॉलेज परिसर में स्वयं पर पेट्रोल डालकर आग लगाई।
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9 नवंबर: सफदरजंग अस्पताल में उपचार के दौरान छात्र की मौत।
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10 नवंबर: डीएवी कॉलेज के बाहर छह घंटे प्रदर्शन, अंतिम संस्कार।
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11 नवंबर: पहली गिरफ्तारी—पीटीआई संजीव कुमार गिरफ्तार।
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12 नवंबर: अस्थि विसर्जन।
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13 नवंबर: प्राचार्य द्वारा अंतरिम जमानत अर्जी दाखिल।
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14 नवंबर: परिजन कलक्ट्रेट पहुंचे, पुलिस पर नाराजगी जताई।
किनके खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
वादी सलोनी राणा की तहरीर पर पहले प्राचार्य प्रदीप कुमार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई। बाद में विरोध बढ़ने पर संशोधित तहरीर में प्रबंधक अरविंद कुमार गर्ग, प्राचार्य प्रदीप कुमार, पीटीआई संजीव कुमार, एसआई नंद किशोर, सिपाही ज्ञानवीर और विनीत कुमार के नाम भी शामिल किए गए। तीनों पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है। जांच में एक और व्यक्ति का नाम सामने आया है और पुलिस ने मामले में धारा 108 भी जोड़ दी है।
‘एक नेता कर रहा पैरवी’, बोले धर्मेंद्र मलिक
भाकियू अराजनैतिक के प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने आरोप लगाया कि जिले का एक प्रभावशाली नेता आरोपियों की पैरवी कर रहा है। उन्होंने कहा कि 16 नवंबर को होने वाली शोकसभा में इस मामले पर महत्वपूर्ण निर्णय लिया जाएगा।
मलिक ने स्पष्ट कहा- “परिजन अकेले नहीं हैं, अगर नेता पीछे हटेंगे तो समाज उनके साथ खड़ा होगा।”