उत्तराखंड: तपोवन, रैंणी में 12 शव और मिले, मृतक संख्या 50 हुई; लापता लोगों की तलाश जारी

उत्तराखंड में चमोली जिले के आपदाग्रस्त क्षेत्रों में चलाए जा रहे बचाव अभियान के आठवें दिन रविवार को 12 और शव मिलने से बाढ़ में मरने वालों की संख्या 50 हो गई है. इनमें से पांच शव 520 मेगावाट की एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगाड परियोजना की सुरंग से जबकि छह रैंणी गांव और एक रूद्रप्रयाग जिले से बरामद हुआ है. 

निरंतर स्थलीय निरीक्षण कर बचाव और तलाश अभियान का जायजा ले रहीं चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने लापता लोगों के शव बरामद होने पर बचाव दलों को इसी तरह तेजी से कार्य करने को कहा है. आपदाग्रस्त क्षेत्र में पिछले एक सप्ताह से सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा प्रतिवादन बल और भारत तिब्बत सीमा पुलिस का संयुक्त बचाव अभियान जारी है. 

उत्तराखंड के ऋषिगंगा क्षेत्र में आई त्रासदी के बाद यहां एक सुरंग (टनेल) में लापता लोगों की तलाश अभी भी जारी है. जल स्तर बढ़ने से पूरी सुरंग मलबे से भर गई थी. अब इस सुरंग में करीब 136 मीटर तक मलबा साफ किया जा चुका है. साथ ही यहां ड्रिलिंग का काम भी शुरू कर दिया गया है. 

तपोवन सुरंग में जहां पोकलैंड और जेसीबी मशीनें युद्धस्तर पर कार्य कर रही हैं तो वहीं नदी किनारे जिला प्रशासन के नेतृत्व में खोजबीन का कार्य गतिमान है. जिलाधिकारी स्वाति ने बताया कि रैंणी क्षेत्र में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की टीम मलबे में लापता लोगों की तलाश कर रही है. उन्होंने कहा कि मौके पर एक हेलीकॉप्टर भी तैयार है जिससे अगर कोई व्यक्ति जीवित अवस्था में मिले तो उसे तत्काल मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जा सके.

सात फरवरी को चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में आई बाढ़ के बाद अब तक 50 शव बरामद हो चुके हैं जबकि 154 अन्य अभी भी लापता हैं.

रविवार को मिले शवों में से 11 की शिनाख्त हो गयी है जिनमें टिहरी निवासी आलम सिंह, जितेंद्र धनाई, देहरादून के कालसी के अनिल, जम्मू—कश्मीर के जीतेंद्र कुमार, फरीदाबाद के शेषनाथ, कुशीनगर के सूरज ठाकुर, पंजाब के जुगल किशोर, हिमाचल प्रदेश के राकेश कपूर, चमोली के हरपाल सिंह, और गोरखपुर के राजेंद्र सिंह और धनुर्धारी शामिल हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here