उत्तराखंड:नैनीताल हाई कोर्ट के आदेश के बाद जब एसआईटी गठित कर हरिद्वार और देहरादून से बाहर जाकर जांच की गई तो कई तरह की गड़बड़ियां पकड़ी गई और मुकदमे दर्ज हुए. एसआईटी प्रमुख और पुलिस महानिरीक्षक संजय गुंज्याल कहते हैं नैनीताल, उधमसिंह नगर और टिहरी में कई तरह की धांधली पकड़ी गई है. इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है.
उत्तराखंड में सैकड़ों करोड़ रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है. देहरादून और हरिद्वार के बाद पहले तो नैनीताल, उधमसिंह नगर और टिहरी जिले में गड़बड़ पकड़ी गई. लेकिन अब इस घोटाले में उत्तर प्रदेश और हरियाणा के शिक्षा माफिया भी शामिल पाये जा रहे हैं. नैनीताल हाई कोर्ट के आदेश के बाद जब एसआईटी गठित कर हरिद्वार और देहरादून से बाहर जाकर जांच की गई तो कई तरह की गड़बड़ियां पकड़ी गई और मुकदमे दर्ज हुए. एसआईटी प्रमुख और पुलिस महानिरीक्षक संजय गुंज्याल कहते हैं नैनीताल, उधमसिंह नगर और टिहरी में कई तरह की धांधली पकड़ी गई है. इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है.
अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी के छात्र छात्राओं को समाज कल्याण विभाग पढ़ाई करने के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करता है. लेकिन शिक्षा माफियाओं ने छात्रवृत्ति का पैसा भी हजम कर लिया. एसआईटी प्रमुख और पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि जो उत्तराखंड के कई छात्र छात्राएं पढ़ने के लिए दूसरे प्रदेशों में भी जाते हैं. कई कॉलेजों ने बच्चों के फर्जी एकांउट बनाकर उनको मिलने वाली छात्रवृत्ति निकाल ली. लाभ बच्चों को नहीं मिला. कई कॉलेजों ने बच्चों के नाम पर फर्जी अकांउट खोले और जो छात्रवृत्ति बच्चों के खाते में आनी चाहिए थी वो इनके फर्जी खातों में आ गई.
ऐसे खातों की पहचान कर अब एसआईटी मुकदमें दर्ज करती जा रही है. पहले तो एसआईटी सिर्फ हरिद्वार और देहरादून के फर्जीवाड़े को खोज रही थी. लेकिन हाईकोर्ट के आदेश पर एक नई एसआईटी भी गठित की गई, जिसने राज्य के बाकी 11 जिलों में ऐसे फर्जीवाड़े को खंगालना शुरू कर दिया है.