उत्तराखंड: सरकार ने कुंभ मेले के लिए जारी की SOP, पंजीकरण और कोविड निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य

कोरोना के साये में होने जा रहे हरिद्वार कुंभ में पंजीकरण और आने से 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट के बाद ही श्रद्धालु आ सकेंगे। इस सिलसिले में सरकार ने कुंभ मेला क्षेत्र में कोरोना संक्रमण से बचाव के मद्देनजर 10 सेक्टर के लिए मानक प्रचालन कार्यविधि (एसओपी) जारी कर दी है। इन सेक्टर में आश्रम-धर्मशाला, होटल-रेस्टोरेंट व गेस्ट हाउस, दुकान-वाणिज्यिक प्रतिष्ठान, धार्मिक स्थल, सार्वजनिक परिवहन, वाहन पार्किंग स्थल, हाल्टिंग प्वाइंट, घाट, रेलवे और बस स्टेशन शामिल हैं। सचिव आपदा प्रबंधन एसए मुरुगेशन के अनुसार कुंभ के लिए अंतरराज्यीय परिवहन, पंजीकरण आदि को लेकर जल्द ही एक और एसओपी जारी की जाएगी।

हरिद्वार में कुंभ का आयोजन माघ पूर्णिमा पर 27 फरवरी से प्रस्तावित है। इसे देखते हुए सरकार ने तैयारियां तेज कर दी हैं। पूर्व में इस क्रम में केंद्र सरकार ने भी एसओपी जारी की थी। दरअसल, कुंभ में मुख्य चुनौती कोविड की रोकथाम है। इसी के दृष्टिगत कुंभ में विभिन्न सेक्टर के लिए एसओपी जारी की गई है। सचिव आपदा प्रबंधन द्वारा जारी एसओपी के अनुसार कुंभ में श्रद्धालुओं, स्थानीय निवासियों, यात्रियों, अधिकारियों व कर्मचारियों सहित सभी हितधारकों द्वारा केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से जारी एसओपी का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।

एसओपी के मुताबिक कुंभ मेले में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति अथवा यात्री को वेब पोर्टल पर पंजीकरण के बाद ही प्रवेश की अनुमति होगी। साथ ही आश्रम, धर्मशाला, होटल, गेस्ट हाउस में ठहरने वाले प्रत्येक व्यक्ति को आगमन की तिथि से 72 घंटे पहले तक की आरटीपीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य है। इसके बिना किसी भी यात्री की बुकिंग नहीं ली जाएगी और न उसे ठहराया जाएगा। सभी जगह प्रवेश द्वार पर थर्मल स्क्रीनिंग के साथ ही सैनिटाइजर की व्यवस्था की जाएगी। दुकानों व वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में भी थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की जाएगी। कुंभ में आने वाले यात्रियों के लिए मास्क अनिवार्य किया गया है। आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने के लिए भी श्रद्धालुओं व सैलानियों को प्रोत्साहित किया जाएगा।

कुंभ के दौरान किसी भी स्थान पर संगठित रूप से भजन, गायन और भंडारे जैसे आयोजनों पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। मंदिरों में दर्शन के दौरान दो गज की सुरक्षित शारीरिक दूरी के मानक का पालन कराने का उत्तरदायित्व मंदिर प्रशासन का होगा। पार्किंग स्थलों पर वाहन चालकों और तीर्थयात्रियों के लिए कोविड जांच की व्यवस्था भी सुनिश्चित कराई जाएगी।

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