उत्तराखंड: पीएम मोदी ने फूंका विकास के नवरत्न का मंत्र, विपक्ष पर साधा निशाना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वंदे भारत ट्रेन की सौगात के बहाने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उत्तराखंड में विकास के नवरत्न का मंत्र फूंक दिया। साथ ही कानून व्यवस्था को लेकर राज्य में धामी सरकार के उठाए जा रहे कदमों का समर्थन करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री के विकास की दिशा में शुरू किए गए अभियान की तारीफ भी की।

पीएम ने राज्य में प्रस्तावित व निर्माणाधीन नौ महत्वाकांक्षी योजनाओं का जिक्र किया। नवरत्न योजनाओं का मंत्र फूंक कर पीएम ने साफ कर दिया कि ये योजनाएं देवभूमि को बदलने में मील का पत्थर साबित होंगी। अभी तक उत्तराखंड को देश की आध्यात्मिक राजधानी के तौर पर पहचान दिलाने की बातें होती रही हैं। पहली बार प्रधानमंत्री ने देवभूमि की भावी पहचान को लेकर एक बड़ा संकेत दिया। पीएम ने यह बात अनायास नहीं कही कि आने वाले समय में देवभूमि पूरे विश्व की आध्यात्मिक चेतना के आकर्षण का केंद्र बनेगी। ऐसा कहकर पीएम ने साफ किया कि आयुर्वेद, योग और अध्यात्म के क्षेत्र में डबल इंजन की सरकार देवभूमि में बड़ी छलांग लगाने जा रही है। जैसे-जैसे राज्य में कनेक्टिविटी के साधन विकसित होंगे, सुकून के लिए दुनिया देवभूमि के उतने ही नजदीक होती जाएगी। हवाई, रेल, सड़क व रोपवे के साथ अब संचार कनेक्टिविटी पर खास जोर दिया जा रहा है।

गढ़वाल क्षेत्र में आर्थिक और सामरिक तरक्की के लिए अहम मानी जाने वाली ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के बारे में पीएम ने साफ कर दिया कि यह अगले दो-तीन साल में पूरी हो जाएगी। टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन का काम जल्द शुरू होने की बात कहकर पीएम ने कुमाऊं मंडल को भी एक नई सौगात देने के संकेत दिए। पीएम का यह कहना कि पर्वतमाला परियोजना उत्तराखंड के विकास के लिए गेमचेंजर का काम करने वाली है, से साफ हो गया कि केंद्र सरकार से राज्य को जल्द रोपवे परियोजनाओं की सौगातें मिलने वाली हैं। राज्य सरकार ने दो दर्जन से अधिक प्रस्ताव इस योजना के तहत भेजे हैं और अन्य परियोजनाओं के प्रस्ताव तैयार हो रहे हैं। केदारनाथ और हेमकुंड के लिए रोपवे का काम जल्द शुरू हो जाएगा, बदरीनाथ और केदारनाथ के पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी दिखेगी।

उत्तराखंड का रेल बजट 25 गुना बढ़ाया
प्रधानमंत्री ने 2014 से पहले की सरकारों पर तंज करते हुए कहा कि 2014 के पांच सालों में उत्तराखंड के लिए औसतन 200 करोड़ से कम बजट मिलता था। इतना दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र, रेलवे का अभाव और बजट 200 करोड़ से भी कम। इस वर्ष उत्तराखंड का रेल बजट पांच हजार करोड़ रुपये है। यानी 25 गुना बढ़ोतरी की गई।

बदलते भारत को देखना चाहते हैं दुनिया के देश
उन्होंने कहा, मैं अभी कुछ घंटे पहले ही तीन देशों की यात्रा करके लौटा हूं। आज पूरा विश्व भारत को बहुत उम्मीदों से देख रहा है। हम भारत के लोगों ने जिस तरह अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है, गरीबी से लड़ रहे हैं, उसने पूरी दुनिया का विश्वास जगा दिया है। कोरोना से हमारी लड़ाई की बड़ी चर्चा है। विश्व के लोग भारत को समझने के लिए देखने के लिए आना चाहते हैं। ऐसे में उत्तराखंड जैसे सुंदर राज्यों के लिए बहुत बेहतरीन अवसर है। इस अवसर का पूरा लाभ उठाने में वंदे भारत ट्रेन भी उत्तराखंड की मदद करने वाली है।अनायास ही मेरे मुख से कुछ पंक्तियां निकल गई थी
उन्होंने कहा, जब मैं बाबा केदार के दर्शन करने गया था, दर्शन के बाद अनायास ही मेरे मुख से कुछ पंक्तियां निकली थी। यूं ही मैं बोल पड़ा था, ये दशक उत्तराखंड का दशक होगा। उत्तराखंड आज जिस तरह से कानून व्यवस्था को सर्वोपरि रखते हुए विकास के अभियान को आगे बढ़ा रहा है, वह बहुत सराहनीय है। ये इस देवभूमि की पहचान को संरक्षित करने के लिए भी अहम है।

तीर्थयात्रियों की संख्या के हर साल पुराने रिकार्ड टूट रहे
उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या हर वर्ष पुराने सारे रिकार्ड तोड़ देती है। नया रिकार्ड बना देती है। अभी बाबा केदार के दर्शनों के लिए बड़ी संख्या श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। हरिद्वार में होने वाले कुंभ व अर्द्ध कुंभ में दुनिया भर से करोड़ों श्रद्धालु आते हैं। हर वर्ष जो कांवड यात्रा होती है, उसमें भी लाखों-करोड़ों लोग उत्तराखंड पहुंचते है। पीएम ने कहा कि श्रद्धालुओं की यह संख्या उपहार भी है और इतनी बड़ी संख्या संभाल पाना एक भागीरथ कार्य भी है। इस भगीरथ कार्य को आसान बनाने के लिए ही डबल इंजन की सरकार डबल शक्ति से डबल गति से काम कर रही है।

देवभूमि में सोने पर सुहागा
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार का पूरा जोर विकास के नवरत्नों पर है। एक कहावत सुनी होगी, सोने पर सुहागा, इसलिए नवरत्नों की माला को पिरोने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट चल रहे हैं। उन्हें भी धामी सरकार ने नई ऊर्जा दी है। 12 हजार करोड़ की लागत से चारधाम महा परियोजना पर तेज गति से काम हो रहा है। दिल्ली- देहरादून एक्सप्रेस वे शुरू होने से देहरादून-दिल्ली के बीच सफर और आसान हो जाएगा।

दो-तीन साल में पूरी हो जाएगी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजनाउन्होंने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना दो-तीन साल में पूरी हो जाएगी। 16 हजार करोड़ से ज्यादा खर्च हो रहे हैं। इस परियोजना के पूरा होने के बाद उत्तराखंड का एक बड़ा क्षेत्र राज्य के लोगों और पर्यटकों के लिए सुगम हो जाएगा। इससे यहां निवेश और उद्योगों के विकास रोजगार के नए-नए अवसर बनेंगे। रोड कनेक्टिविटी के साथ ही रोपवे कनेक्टिविटी के लिए भी उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर काम हो रहा है। पर्वतमाला योजना आने वाले दिनों में उत्तराखंड का भाग्य बदलने जा रही है। इसके लिए जिस कनेक्टिविटी का उत्तराखंड के लोगों ने वर्षों इंतजार किया, वह इंतजार भी हमारी सरकार समाप्त कर रही है।

उत्तराखंड तेजी से उभर रहा है
पीएम ने कहा कि आज राज्य सरकार के प्रयासों से उत्तराखंड तेजी से पर्यटन हब, एडवेंचर टूरिज्म हब, फिल्म शूटिंग डेस्टिनेशन, वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में भी उभर रहा है। आज उत्तराखंड के नए-नए स्थल, नए-नए टूरिस्ट हब देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। इन सभी को वंदे भारत ट्रेन से बहुत मदद मिलेगी। अब तो देश के कोने-कोने में वंदे भारत ट्रेन चलनी शुरू हो चुकी है। जब परिवार के साथ लंबी दूरी तय करनी हो, तो ट्रेन ही लोगों की पहली पसंद होती है। ऐसे में वंदे भारत सामान्य परिवारों की पहली पसंद बनती जा रही है। 21वीं सदी का भारत अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाकर और तेजी से विकसित हो सकता है।

पुरानी सरकारों का ध्यान तो भ्रष्टाचार पर था
पीएम पुरानी सरकारों पर निशाना साधने से भी नहीं चूके। उन्होंने कहा कि पहले लंबे समय तक जिन दलों की सरकारें रहीं, उन्होंने देश की इन जरूरतों को कभी समझा ही नहीं। उन दलों का ध्यान घोटालों और भ्रष्टाचार पर था। परिवारवाद के अंदर ही वो सिमटे हुए थे।

हाईस्पीड रेल छोड़िए, फाटक नहीं हटा पाए
उन्होंने कहा कि भारत में हाईस्पीड ट्रेनों को लेकर पहले की सरकारों ने बड़े-बड़े दावे किए। इन दावों के कई-कई साल बीत गए। हाई स्पीड रेल छोड़िए, रेल नेटवर्क से मानव रहित फाटक तक हटा नहीं पाए थे। रेलवे के बिजलीकरण की स्थिति तो और भी गंभीर थी। 2014 तक देश का एक तिहाई रेल ट्रैक का बिजलीकरण हो पाया था। साल 2014 के बाद रेलवे को ट्रांसफोर्म करने के लिए चौतरफा काम करना शुरू किया। 2014 से पहले हर वर्ष 614 किमी बिजलीकरण का काम होता था। अब हर साल 6000 किमी ट्रैक का बिजलीकरण हो रहा है। इसलिए आज देश के 90 प्रतिशत से अधिक रेल नेटवर्क का बिजलीकरण हो चुका है। उत्तराखंड में शतप्रतिशत हो चुका है। ये काम इसलिए हो रहा है, क्योंकि सही विकास की नीयत भी है, नीति भी है और निष्ठा भी है।

उत्तराखंड में विकास के नवरत्नों पर भाजपा सरकार का जोर
1. केदारनाथ-बदरीनाथ धाम में 1300 करोड़ से पुनर्निर्माण कार्य
2. गौरीकुंड-केदारनाथ और गोविंदघाट हेमकुंड रोपवे का 2500 करोड़ की लागत से कार्य।
3. कुमायूं के पौराणिक मंदिरों को भव्य बनाने के लिए मानस मंदिर माला मिशन का काम
4. पूरे राज्य में होम स्टे को बढ़ावा, राज्य में 4000 से अधिक होम स्टे पंजीकृत
5. इको टूरिज्म के 16 डेस्टिनेशन का विकास
6.उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार, यूएसनगर में एम्स का सेटेलाइट सेंटर
7. करीब 2000 करोड़ से टिहरी झील विकास परियोजना का निर्माण
8. ऋषिकेश-हरिद्वार का एडवेंचर टूरिज्म, योग राजधानी के रूप में विकास
9. टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन

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