वाराणसी: 22 साल पुराने केस में कांग्रेस नेता सुरजेवाला पर कोर्ट ने जारी किया एनबीडब्लू

वाराणसी जिला मुख्यालय पर चक्काजाम, सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के 22 साल पुराने मामले में कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला जल्द ही डिस्चार्ज आवेदन कोर्ट में दाखिल करेंगे। इस मामले में प्राथमिकी रद्द करने की याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने कहा है कि आरोप मुक्त करने की अर्जी (उन्मोचन अर्जी) ट्रायल कोर्ट में दाखिल करें।

कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला के अधिवक्ता संजीव वर्मा ने बताया कि सुरजेवाला का नाम प्राथमिकी में नहीं है। गिरफ्तारी प्रपत्र या फिर केस डायरी में भी नाम नहीं है। इसके बावजूद आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया। इसी आधार पर डिस्चार्ज आवेदन देकर सांसद सुरजेवाला को उस मामले में डिस्चार्ज किए जाने का अनुरोध कोर्ट से किया जाएगा।

एक अप्रैल को होनी है सुनवाई

बीते दिनों इस मामले में विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) अवनीश गौतम ने मुकदमे की तारीख पर हाजिर न होने पर कांग्रेस सांसद के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए उनकी पत्रावली अलग कर दी थी।साथ ही, अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करते हुए मुकदमे के सुनवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। अब इस मामले की सुनवाई एक अप्रैल को होनी है। उसी दिन डिस्चार्ज आवेदन भी दिए जाने के आसार हैं।

ये है मामला
वाराणसी के बहुचर्चित संवासिनी कांड में कांग्रेस नेताओं को फर्जी ढंग से आरोपी बनाए जाने का आरोप लगाकर 21 अगस्त 2000 को युवा कांग्रेस के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष रणदीप सिंह सुरजेवाला और प्रदेश अध्यक्ष एसपी गोस्वामी के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता आयुक्त कार्यालय परिसर में जबरदस्ती घुस गए थे। मंडलायुक्त कोर्ट में घुस कर नारेबाजी और हंगामा किए थे।आरोप है कि प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ भी की थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने जब सभी को समझाने का प्रयास किया तो वे लोग उलझ गए थे। जिसके बाद पुलिस टीम ने बल प्रयोग किया तो कांग्रेस कार्यकर्ता पथराव करते हुए वहां से भागने का प्रयास करने लगे थे। उस दौरान पुलिस ने मौके से रणदीप सिंह सुरजेवाला और एसपी गोस्वामी सहित अन्य को गिरफ्तार किया था।इसी मामले में कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला, विजय शंकर पांडेय, संतोष चौरसिया, हाजी रहमतुल्ला, विद्याशंकर, अरविंद कुमार सिंह, अनिल श्रीवास्तव, शंभूनाथ बाटुल, शांतेश उर्फ संतोष कुमार, दयानंद पांडेय, सतनाम सिंह, अशोक कुमार मिश्रा, संजीव कुमार जैन, विशेश्वर नाथ पांडेय व दयाशंकर सिंह के खिलाफ आरोप तय किया जाना था।

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