वाराणसी: एसबीआई की लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के नाम पर लाखों की ठगी, तीन गिरफ्तार

एसबीआई की लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के नाम पर वाराणसी के तरना, शिवपुर निवासी शैलेंद्र प्रताप सिंह से जालसाजों ने सात लाख 345 रुपये ठग लिए। प्रकरण की शिकायत मिलने पर सारनाथ स्थित साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरोह का सरगना बीटेक पास है।

आरोपियों की पहचान बिहार के दरभंगा के मूल निवासी व दिल्ली के बाटला हाउस जामिया नगर में रहने वाले रियाज खान, फर्रुखाबाद के खरकपुरा के मूल निवासी व दिल्ली में रामघाट, वजीराबाद में रहने वाले मोहम्मद अरशद अंसारी और मथुरा के साकेतपुरी कृष्णा नगर के मूल निवासी व दिल्ली में पुल प्रहलादपुर के रहने वाले रजनीश सिंह के तौर पर हुई है।

तीनों के पास से 14 मोबाइल, एक डेबिट कार्ड, पांच क्रेडिट कार्ड, तीन पैन कार्ड, तीन आधार कार्ड, विभिन्न बैंकों के 50 लाख रुपये के चेक, 10 हजार मोबाइल नंबर की सीरीज, 10840 रुपये, ठगे गए 120 लोगों का डेटा, फर्जी मुहर और एक कार बरामद की गई है।

अच्छी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी देने के साथ ही इनकम टैक्स बचाने का वादा

शैलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि उनके पास कॉल आई थी। कॉल करने वाले ने खुद को एसबीआई का अफसर बताया था। बातचीत के दौरान उसने विश्वास में ले लिया और अच्छी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी देने के साथ ही इनकम टैक्स बचाने का वादा किया। वह उसके झांसे में आकर उसके बताए गए पते पर सात लाख 345 रुपये का चेक भेज दिए। बाद में उन्हें पता लगा कि वह ठगे गए हैं तो इसकी शिकायत उन्होंने साइबर क्राइम थाने में की।डीआईजी रेंज अखिलेश कुमार चौरसिया के निर्देश पर साइबर क्राइम थाने के प्रभारी निरीक्षक विजय नारायण मिश्र के नेतृत्व में दरोगा सतीश सिंह, हेड कांस्टेबल श्याम लाल गुप्ता, आलोक कुमार सिंह, गोपाल चौहान व रविकांत जायसवाल की टीम ने सर्विलांस और कॉल डिटेल रिकॉर्ड की मदद से तीनों आरोपियों को चिह्नित कर उन्हें दिल्ली से गिरफ्तार किया।

आरोपियों को इंश्योरेंस पॉलिसी बेचने का अच्छा अनुभव

पूछताछ में रियाज खान ने बताया कि वह बीटेक पास है और वही गिरोह का नेतृत्व करता है। अरशद और रजनीश स्नातक उत्तीर्ण हैं। तीनों को कंप्यूटर और इंटरनेट की बहुत अच्छी जानकारी है। तीनों इंश्योरेंस के क्षेत्र में काम कर चुके हैं। तीनों को इंश्योरेंस पॉलिसी बेचने का भी अच्छा अनुभव है। काम करने के दौरान ही तीनों को लगा कि कम समय में ज्यादा पैसा कमाने के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी को ही ठगी का माध्यम बनाना चाहिए।तीनों ने इसके लिए दिल्ली में बदरपुर में सिब्बल सिनेमा के पास किराये पर एक कमरा लिया और फर्जी कॉल सेंटर शुरू किया। इसके लिए तीनों फर्जी नाम-पते पर सिम लिए। फर्जी नाम-पते पर ही तीनों ने बैंक खाता भी खुलवाया। इसके बाद तीनों स्टाफ रखकर कम कीमत में अच्छी इंश्योरेंस पॉलिसी बेचने के लिए लोगों को फोन कराने लगे। 

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