रामनवमी पर हिंसा: जड़ें गहरी हैं !

देश में पहली बार रामनवमी के अवसर पर महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिमी बंगाल व बिहार में हिन्दू समाज द्वारा निकाली गई शोभा यात्राओं पर हमले किये गए। हिन्दू बस्ती, उनके मकानों, दुकानों, गोदामों को फूंका गया। वाहनों में आग लगाई गई। औरंगाबाद से लेकर हावड़ा के काजीपाड़ा तक हमलों व आगजनी का तरीका सभी जगह एक जैसा रहा। टी.वी चैनलों ने जो वीडियो दिखाये हैं उनसे यही प्रतीत होता है कि कश्मीर के पथरबाज़ सारे देश में फैल गए हैं।

यदि मामला धार्मिक विद्वेष का होता तो रामनवमी पर हुई हिंसा के बाद मामला निपट जाता किन्तु तीसरे दिन भी हिंसा-फायरिंग एवं आगजनी का जारी रखना एक गहरी साजिश की ओर संकेत करता है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जनपद नालन्दा में दूसरे दिन दंगाई पूरी तैयारी से आये। एक प्रमुख टी.वी. चैनल के वीडियो से स्पष्ट होता है कि हमलावर पैट्रोल, डीजल, पाइप व माचिस तथा हथियार लेकर आये थे। योजनाबद्ध तरीके से उन्होंने स्टेशनरी बाजार की दुकानों व गोदामों के शटर व खिड़कियां तोड़ीं। पाइप के जरिये भीतर पैट्रोल छिड़का और भीतर माचिस की तीली फेंक कर आग लगाई। इसी प्रकार ई-रिक्शा के गोदाम व पी.वी.सी. गोदाम को फूंका गया और वाहन जलाये गए।

सभी जगह हमलावर मुंहों पर कपड़ा बाँध कर आए थे। हावड़ा में तो पुलिस ने ही पत्थरबाजों को मुँह ढकने की सलाह दी और हिंसा के फोटो ले रहे पत्रकारों को धकिया दिया। जैसा कि कश्मीर में होता रहा है, वैसा ही वडोदरा में हुआ। जब पुलिस दंगाइयों को पकड़ने पहुंची, तब पर्दानशीं मुस्लिम महिलायें पुलिस पर पथराव व प्रतिरोध करने में जुट गई।

26 जनवरी हो, ट्रम्प का दौरा हो, मिस्र के राष्ट्रपति का आगमन हो, दुर्गाष्टमी हो, सब अवसरों व सब स्थानों पर हमले-उपद्रव का एक ही तरीका। पक्के सबूतों व टी.वी. फुटेज सारी रणनीति को बेनकाब कर रहे हैं और विपक्षी नेता आर.एस.एस. व केन्द्र सरकार पर रामनवमी पर हिंसा का दोष मढ़ रहे हैं। ममता के इस आरोप को कौन सच मानेगा कि मस्जिद की छत से पथराव करने वाले भाजपा के गुंडे थे! दंगाइयों व विपक्षी नेताओं की जुगलबंदी क्या 2024 की तैयारियों का हिस्सा तो नहीं?

ताजा समाचार यह है कि बिहार में 2 युवकों की हत्या के बाद कादरगंज, शाहजुमा, जलालपुर से हिन्दुओं का पलायन शुरू हो गया है। जहांनाबाद में मन्दिर को फूंके जाने के बाद हिन्दुओं में दहशत का माहौल है। इसी बीच पश्चिमी बंगाल में भाजपा नेता राजू झा की हत्या की खबर मिली है।

इस सबके बावजूद वास्तविकता को छिपाते हुए विपक्षी नेताओं ने भाजपा और आर.एस.एस. पर हमले शुरू कर दिये। जदयू के प्रवक्ता ने कहा कि हम बिहार को गोधरा नहीं बनने देंगे। कांग्रेस प्रवक्ता रशिद अलवी ने कैमरे पर आकर कहा कि चुनाव नजदीक आते ही भाजपा दंगे कराने में जुट गई है। मुझे पता चला है कि वह हैदराबाद में भी दंगा करायेगी। रामनवमी पर धरने पर बैठी ममता ने रोहिंग्या व बंगलादेशी मुस्लिमों को ‘चेताया’ था कि रामनवमी जुलूस वाले तुम पर हमला नहीं कर पायेंगे, इसका इन्तजाम है।

दंगाइयों और नेताओं के इस गठजोड़ को समझने की जरूरत है। परिस्थितियां आने वाले दिनों में सतर्क, सावधान और मज़बूत रहने का सन्देश दे रही हैं।

गोविंद वर्मा
संपादक ‘देहात’

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