बिहार पंचायत चुनाव में बायोमेट्रिक से होगा मतदाता सत्यापन

प्रत्येक पांच साल के अंतराल पर होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत अपने पंचायत प्रतिनिधियों को चुनने वाले सभी मतदाताओं को इस बार अपना वोट डालने के लिए मतदान केंद्रों पर नयी व्यवस्था से गुजरना होगा। मतदान केंद्रों पर पहली बार बायोमेट्रिक विधि से मतदाताओं का भौतिक सत्यापन शुरु होने से उन्हें दूसरी बार या बोगस वोट डालने का मौका नहीं मिल सकेगा। 

इस नवीनतम प्रक्रिया के शुरू होने से अब किसी मतदान केंद्र पर वोट डालने के बावजूद कोई भी मतदाता यदि उक्त मतदान केंद्र या अन्य किसी भी मतदान केंद्रों पर पुनः वोट डालने की कोशिश करता हुआ पाया गया तो वह तुरंत पकड़ में आ जाएगा। ऐसी स्थिति में उस मतदाता के खिलाफ दूसरी बार और वोगस वोट डालने के प्रयास में कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

बायोमेट्रिक उपकरण और टैबलेट के साथ मतदान केंद्रों पर तैनात रहेंगे तकनीकी कर्मी

राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बार हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में वैध मतदाताओं की पहचान करने के लिए सभी मतदान केंद्रों पर बायोमेट्रिक विधि से सत्यापन करने की नयी व्यवस्था शुरू की है। इसके लिए राज्य के सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारियों और प्रखंड निर्वाची पदाधिकारी को इस नयी व्यवस्था से जुड़ी समुचित प्रक्रिया से सोमवार को अवगत करा दिया गया है। 

प्रखंड कार्यालय के निर्वाचन शाखा से मिली जानकारी के अनुसार राज्य निर्वाचन आयोग, पटना के विशेष कार्य पदाधिकारी के द्वारा सोमवार को डीएम सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी को भेजे गये पत्र में स्पष्ट किया गया है कि बोगस वोट को पूरी तरह से रोकने के लिए इस बार के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतदान केंद्रों पर बायोमैट्रिक विधि से सभी मतदाताओं का सत्यापन करने का निर्णय लिया गया है। 

इसके तहत सभी मतदान केन्द्रों पर एक तकनीकी कर्मी बायोमैट्रिक उपकरण और टैबलेट के साथ प्रतिनियुक्त रहेंगे। ये कर्मी मतदान केंद्रों पर वोट डालने के लिए आने वाले सभी निर्वाचकों के अंगूठे का निशान, उनका फोटो, इपिक और अन्य वैकल्पिक पहचान पत्रों और दस्तावेजों के साथ मतदाता पर्ची का फोटो लेकर उसे बायोमैट्रिक प्रणाली के डाटाबेस में सुरक्षित करेंगे।

दोबारा वोट डालने पर तुरंत हो जाएगी पहचान

इस बायोमेट्रिक विधि से मतदाताओं का सत्यापन होने से कोई भी मतदाता दूसरी बार वोट डालने की हिम्मत नहीं जुटा पाएगा। यदि कोई मतदाता ऐसा करता हुआ पाया गया तो यह सिस्टम उसकी पहचान तुरंत कर लेगा तथा उसे बोगस मतदाता के रूप में चिह्नित कर उसके द्वारा पूर्व में किए गए मतदान के विवरण के साथ अलर्ट प्रेषित करेगा। इस प्रकार इस नवीनतम प्रक्रिया से बोगस और डुप्लीकेट मतदान पर रोक लगाई जा सकेगी। मतदान के दौरान पकड़े जाने पर ऐसे बोगस मतदाता के खिलाफ बिहार पंचायत राज अधिनियम, 2006 की धारा-130 (9) के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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