20 दिन जेल में रहा… अमेरिका से डिपोर्ट युवक की आपबीती

अमेरिका से डिपोर्ट किए गए पंजाब के होशियापुर लौटे युवक ने अपनी दर्द भरी दास्तां बयान की है। युवक ने बताया कि उसने एजेंट को 40 लाख रुपये दिए थे। एजेंट ने झूठ बोलकर डोंकी रूट के जरिये अमेरिका भेज दिया। एजेंट ने कहा था कि आपको नियमों के तहत अमेरिका भेजा जा रहा है, लेकिन जब अमेरिका पहुंचने में ही आठ महीने लग गए। 

रास्ते में बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। रास्ते में कभी टैक्सी तो कभी समुद्र के रास्ते से अमेरिका के बॉर्डर तक पहुंचा। पांच बार जेल भी जाना पड़ा। आखिरी बार अमेरिका के बॉर्डर पर पकड़ा गया और वहां 20 दिन जेल में बंद रहा। वहां से वापस भारत भेज दिया गया। अमेरिका सेना के जहाज में 104 लोगों को बैठाया गया, जिनमें कई महिलाएं और बच्चे भी थे। अमेरिका में बच्चों को छोड़कर सभी के हाथों को हथकड़ी और पैरों को जंजीरों से बांध दिया गया था। जहाज में भी हथकड़ियों से साथ लाया गया और जब अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचने पर हाथों से हथकड़ी और पैर से जंजीरें खोली गई। 

हथकड़ियां और बेड़ियां लगाकर भेजना देश के लिए शर्म की बात
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का कहना है कि जो अमेरिका ने किया, उसका बेहद अफसोस है। अमेरिका द्वारा हथकड़ियां और बेड़ियां लगाकर हमारे नागरिकों को भेजना हमारे देश के लिए बहुत ही शर्म की बात है। मानसिक और आर्थिक तौर पर टूटे अमेरिका से डिपोर्ट हुए भारतीयों के जख्मों पर मलहम लगाने की जगह भाजपा की हरियाणा सरकार द्वारा पुलिस की कैदियों वाली गाड़ियों में ले जाना जख्मों पर नमक लगाने के बराबर है।

भारतीयों के साथ की गई क्रूरता
पंजाब के एनआरआई मामलों में मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल का कहना है कि अमेरिका से लौटे भारतीयों के साथ क्रूरता की गई है। मैं उनको अपराधी नहीं मानता। उनके साथ जो किया गया वह बहुत ही घटिया काम है। भारतीयों को जंजीरों और हथकड़ियों से बांधा गया था। वो अपराधी नहीं थे, लेकिन वे अपराध का शिकार हुए थे। लोग 40 से 45 लाख रुपये देकर विदेश गए थे। 

पूरी दुनिया में फैला है एजेंटों का जाल
मंत्री ने कहा कि उन्होंने पंजाब के कुछ युवाओं से बात की तो उन्होंने बताया कि उनको एजेंटो ने यह बताया था कि असली वीजा लगाकर उन्हें अमेरिका भेजा जा रहा है। असली वीजा के पैसे लेकर उन्हें जाली वीजा देकर बॉर्डर से भेजा गया। यह मानव तस्करी का धंधा है। इस तहर के एजेंट का यह जाल दुबई से लेकर मुंबई, दिल्ली, पंजाब और लंदन तक फैला हुआ है। यह नेटवर्क पूरी दुनिया में फैला है। इमीग्रेशन के लोग भी इनके साथ मिले हुए हैं। इसकी केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय को जांच करनी चाहिए। 

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