वसीम रिजवी ने किया सनातन धर्म स्वीकार

शिया वक्फ़ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने सोमवार को गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर में सनातन धर्म स्वीकार कर लिया। मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद गिरि महाराज ने विधिवत रूप से पूजा कर उन्हें सनातन धर्म में शामिल कराया। वसीम रिजवी अब जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी हो गए हैं। मंदिर में उन्होंने मां काली की मूर्ति की पूजा की और यज्ञ कर शुद्धिकरण किया।

उन्होंने कहा कि जब मुझे इस्लाम से निकाल दिया गया, तो यह मेरी मर्जी है कि मैं किस धर्म को स्वीकार करूं। सनातन धर्म दुनिया का सबसे पहला धर्म है और उसमें इतनी अच्छाइयां हैं, इंसानियत है कि हम समझते हैं कि इतनी किसी और धर्म में नहीं हैं।

कोई धर्म नहीं है इस्लाम
उन्होंने कहा कि इस्लाम को हम धर्म समझते ही नहीं हैं। इतना पढ़ने के बाद इस्लाम के बारे में मोहम्मद के बनाए धर्म और जो उनका आतंकवादी चेहरा है उसको पढ़ने के बाद हम यह समझते हैं कि इस्लाम कोई धर्म नहीं है। यह मोहम्मद द्वारा बनाया गया हुआ एक आतंकी गुट है जो 1,400 साल पहले अरब में तैयार किया गया था। उन्होंने कहा कि जब हमें इस्लाम से निकाल दिया गया तो हर जुम्मे के बाद हमारा सर काटने के लिए कहा जाता है।

वसीम रिजवी ने गाजियाबाद के डासना के महाकाली मंदिर में दर्शन करने के बाद महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती से ही अपनी विवादित किताब ‘मोहम्मद’ का विमोचन कराया था। वसीम रिजवी कुरान की आयतें हटाने की याचिका से भी विवादों में रहे थे। उन्होंने कुरान की 26 आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।

उनका तर्क था कि कुरान की 26 आयतें आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली हैं। मामला काफी दिनों तक चर्चा में रहा था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को खारिज कर दिया था। शीर्ष कोर्ट ने रिजवी पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया था। इसके अलावा भी कई मर्तबा रिजवी अपने विवादित बयानों से चर्चा में रहे हैं।

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