सावरकर और हिंदुत्व के मुद्दे पर हम कभी समझौता नहीं कर सकते- संजय राउत

शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत पत्राचॉल घोटाला मामले जमानत मिलने के बाद पहली बार दिल्ली पहुंचे. यहां पहुंचकर उन्होंंने आज (22 नवंबर, मंगलवार) मीडिया से संवाद साधा. उन्होंने कहा कि सावरकर के मुद्दे पर उनकी और उनकी पार्टी की राय कांग्रेस की राय से बिलकुल अलग है. राहुल गांधी के सावरकर पर दिए बयान से कभी समझौता या उन्हें स्वीकार नहीं किया जा सकता, लेकिन वे भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हो सकते हैं. ज्यादा संभव है कि जब यह यात्रा कश्मीर पहुंचेगी तब वे इसमें शामिल होंगे. कश्मीर पर हम सबका हक है.

संजय राउत ने कहा कि वे इस संबंध में अपनी पार्टी के प्रमुख उद्धव ठाकरे से बात करके उनकी इजाजत लेंगे और भारत जोड़ो यात्रा में एकाध दिन के लिए शरीक होंगे. इस बीच आज उन्होंने एनडीटीवी को दिए गए अपने इंटरव्यू में कहा कि सावरकर ही नहीं बल्कि ढेर सारे मुद्दे ऐसे हैं जिनसे उनकी पार्टी और कांग्रेस पार्टी के बीच मतभेद हैं. लेकिन अलायंस का मतलब ही कंप्रोमाइज होता है. लाख कंप्रोमाइज हो लेकिन सावरकर के मामले में कोई समझौता नहीं हो सकता.

‘अलायंस का मतलब ही है कंप्रोमाइज, लेकिन सावरकर के मामले में नो कंप्रोमाइज’

राउत ने कहा, ‘सावरकर ने दस साल अंडमान जेल में बिताए. जिन लोगों को ऐसा अनुभव हुआ हो, उन्हें ही समझ आ सकता है कि यह कैसा होता है, फिर वे चाहे सावरकर हों, नेहरू हों, नेताजी सुभाष हों या कोई और. उस काल में वापस जाकर इतिहास को ट्विस्ट करना और विवाद पैदा करना ठीक नहीं है. वो भी तब जब वे जिंदा नहीं हैं और वे यहां आकर अपनी सफाई नहीं दे सकते.’

राउत ने कहा कि, ‘मैं राहुल गांधी के बयान से बिलकुल सहमत नहीं हैं. लेकिन गठबंधन को जारी रखना जरूरी है. अलायंस में कई समझौते करने पड़ते हैं. फिर भी हम हिंदुत्व और सावरकर के मामले में समझौता नहीं करेंगे.’

‘अच्छा लगा जो राहुल ने किया मुझे कॉल, पूछा मेरा हाल-चाल’

संजय राउत ने आगे कहा, ‘राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त होने के बावजूद मुझे रात को कॉल किया. उन्होंने मेरा हाल-चाल पूछा.उन्होंने यह कहा कि वे मेरी चिंता कर रहे थे. एक अच्छा इंसान ही वह तकलीफ को समझ सकता है जो उसके गठबंधन के सहयोगी को 100 दिनों से ज्यादा एक फर्जी केस में जेल में रह कर भोगना पड़ा है.’

बता दें कि राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान अपने बयान में कहा था कि विनायक दामोदर सावरकर ने अंग्रेजों से माफी मांगी थी. वे अंग्रेजों की मदद करते थे और उनसे पेंशन लेते थे. महाराष्ट्र की राजनीति में इसपर विवाद खड़ा हो गया है. इसके बाद संजय राउत ने राहुल गांधी को सलाह दी थी कि उनकी भारत जोड़ो यात्रा को जनता का अच्छा रेस्पॉन्स मिल रहा है. बेरोजगारी और किसानों की समस्याएं वे सही तरह से उठा रहे थे. उन्हें बिना वजह सावरकर विवाद में पड़ने की जरूरत नहीं थी. ऐसा करके उन्होंने बीजेपी के पाले में गेंद डाल दी है.

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