रोहिंग्याओं पर उनका क्या रुख है- गौतम गंभीर का केजरीवाल पर तंज

रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर दिल्ली की राजनीति तेज दिखाई दे रही है। आम आदमी पार्टी और भाजपा एक दूसरे पर हमलावर है। दरअसल, पूरा विवाद केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी के एक ट्वीट से शुरू हुआ। बाद में केंद्रीय गृह मंत्रालय का भी एक ट्वीट आया। अब आम आदमी पार्टी और भाजपा इस मामले को लेकर आमने-सामने हो गई है। भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने अरविंद केजरीवाल की सरकार पर जबरदस्त तरीके से निशाना साधा है। भाजपा सांसद ने कहा कि उनके जितना नीचे की राजनीति कोई नहीं कर सकता, सिर्फ ये पार्टी, ये शख्स ये कर सकता है। एक आसान सा सवाल है और उन्हें इसका जवाब देना चाहिए – रोहिंग्याओं को बेहतर आवास और बेहतर सुविधाएं दिए जाने की बात कहने वाला पत्र क्यों लिखा गया?

गौतम गंभीर ने आगे कहा कि हमारा स्टैंड बहुत स्पष्ट है, गृह मंत्रालय ने सदन के पटल पर स्पष्ट किया था कि हम रोहिंग्याओं को निर्वासित करना चाहते हैं। यही हमारी पार्टी का स्टैंड है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली के सीएम से पूछा जाना चाहिए कि रोहिंग्याओं पर उनका क्या रुख है। वह कब जवाब देंगे? दूसरी ओर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमें अखबारों से पता चला कि रोहिंग्या को घर देने की बात चल रही है। मुझे भी आश्चर्य हुआ? बाद में पता चला कि केंद्रीय अधिकारियों की बैठक हुई थी जिसमें निर्णय लिए गए थे और मुख्य सचिव के जरिए इन निर्णयों को अमल में लाने के लिए LG के पास भेजा गया। सिसोदिया ने आरोप लगाया कि भाजपा नीत केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजधानी में रोहिंग्या शरणार्थियों को स्थायी आवास देने की गुपचुप कोशिश कर रही है। इसके साथ ही मनीष सिसोदिया ने गृह मंत्रालय के इस दावे को खारिज कर दिया कि इस बारे में दिल्ली सरकार ने प्रस्ताव दिया था।

क्या है विवाद

केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने बीते दिनों एक ट्वीट किया था। जिसमें उन्होंने लिखा था कि भारत ने हमेशा उन लोगों का स्वागत किया है जिन्होंने देश में शरण मांगी। एक ऐतिहासिक फैसले में सभी रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के बक्करवाला इलाके में स्थित फ्लैट में स्थानांतरित किया जाएगा। उन्हें मूलभूत सुविधाएं यूएनएचसीआर (शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त की ओर से जारी) परिचय पत्र और दिल्ली पुलिस की चौबीसों घंटे सुरक्षा मुहैया की जाएगी। उन्होंने ट्वीट किया था कि जो लोग भारत की रिफ्यूजी पॉलिसी के खिलाफ झूठी अफवाह फैलाने का काम करते हैं और इसे सीएए से जोड़ते हैं उन्हें अब निराशा मिलेगी। भारत संयुक्त राष्ट्र के रिफ्यूजी कन्वेंशन 1951 को मानता है और रंग, धर्म और जाति के बिना जिसे भी जरूरत है उसे शरण देता है।

MHA ने दिया स्पष्टीकरण

गृह मंत्रालय ने कहा कि अवैध विदेशी रोहिंग्याओं के संबंध में मीडिया के कुछ वर्गों में आये समाचार के संबंध में, यह स्पष्ट किया जाता है कि गृह मंत्रालय ने दिल्ली के बक्करवाला में रोहिंग्या मुसलमानों को ईडब्ल्यूएस फ्लैट प्रदान करने का कोई निर्देश नहीं दिया है। साथ ही अरविंद केजरीवाल सरकार से अवैध विदेशियों को उनके मौजूदा स्थान पर ही रखा जाना सुनिश्चित करने को कहा जाता है।

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