शहीद नेत्रपाल सिंह की शहादत पर जहां बह रहे थे आंसू, वहीं पर भाजपा और सपा नेताओं के ठहाके का वीडियो वायरल

जम्मू-कश्मीर में शहीद जवान को श्रद्धांजलि अर्पित करने इगलास के पिसावा पहुंचे नेता पार्थिव शरीर आने के पहले ठहाके लगा रहे थे। इससे संबंधित वीडियो वायरल होने के बाद खलबली मच गई है। इसे भाजपा की आंतरिक राजनीति से भी जोड़ कर देखा जा रहा है।

जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के ग्रेनेड हमले से शहीद इगलास के पिसावा के एएसआई नेत्रपाल सिंह का शव बुधवार शाम को आया था। शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित करने भाजपा के जिलाध्यक्ष चौधरी ऋषिपाल, पूर्व सांसद एवं सपा नेता चौधरी विजेंद्र सिंह, भाजपा के स्थानीय विधायक राजकुमार सहयोगी, चौधरी नत्थी , कल्याण सिंह, पवन भीलवाड़ा, पंकज पवार आदि गए थे। सभी नेता कुर्सी पर बैठ कर शहीद के पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहे थे।

चौधरी विजेंद्र सिंह व चौधरी ऋषिपाल सिंह के बीच बातचीत चल रही थी। इसी दौरान वहां मौजूद नेताओं ने जोर का ठहाका लगाया। ठहाका का वीडियो वायरल होने के बाद जनपद की राजनीति गरमा गई है। इससे संबंधित खबरें भी चैनलों पर चल रही है। कुछ लोग इसे शहीद का अपमान बता रहे हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष चौधरी ऋषिपाल सिंह का कहना है कि शहीद का शव रात को 7:30 बजे आया है। जो वीडियो चल रही है, वह शाम लगभग साढ़े पांच बजे की है।

जिलाध्यक्ष का कहना है कि पूर्व सांसद चौधरी विजेंद्र पास बैठे थे। उन्होंने कहा कि किसानों से बातचीत में क्या हुआ। तुम्हारी बुद्धि-शुद्धि के लिए हवन करके आया हूं। इस पर मैने पूछ लिया कि हवन कांग्रेस की तरफ से किए हो या सपा की तरफ से। इस बात पर सब हंस दिए। दरअसल पूर्व सासंद विजेंद्र सिंह कुछ दिन पहले कांग्रेस छोड़कर सपा में आए हैं। कांग्रेस में रहते हुए वह सांसद बने थे।

जिलाध्यक्ष का कहना है कि शहीद के अपमान का सवाल ही नहीं है। यह पार्थिव शरीर के आने से बहुत पहले की बात है। मै इस मामले में कानूनी कार्रवाई पर विचार कर रहा था लेकिन स्थानीय चैनल द्वारा खंडन कर दिया गया। जिलाध्यक्ष का कहना है कि उन्हें टार्गेट करके वीडियो बनाया गया है और उसे एडिट कर दिखाया जा रहा है।

पूर्व सांसद चौधरी विजेंद्र का कहना है कि मैने भाजपाईयों को कहा था कि तुमलोगों की बुद्धि शुद्धि के लिए हवन करके आया हूं। विजेंद्र का कहना है कि किसानों के आंदोलन को लेकर बातचीत चल रही थी। भाजपाई धरना पर बैठे किसानों को लेकर के लिए गलत बात बोल रहे थे। वह कह रहे थे कि किसान चिकन खा रहे हैं। मस्ती कर रहे है। तब मैने कहा था कि मातम में आए हो, ऐसी बात नहीं बोलनी चाहिए।

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