फोर्ड कंपनी को क्यों समेटना पड़ा कारोबार! सैकड़ों कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा

अमेरिका की ऑटोमोबाइल कंपनी फोर्ड मोटर कंपनी ने भारत से अपना कारोबार समेटने का निर्णय ले लिया है। जिसके बाद कंपनी और उससे जुड़े डीलरों के हजारों कर्मचारियों के सामने रोजगार का संकट मंडरा रहा है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (एफएडीए) के आंकड़ों के मुताबिक फोर्ड के भारत में करीब 170 डीलर पार्टनर हैं जो पूरे देश में 400 शोरूम चलाते हैं, जिसमें हजारों वर्कर काम करते हैं।

इनमें कई ऐसे डीलर भी शामिल हैं जो कुछ महीनों पहले ही फोर्ड कंपनी से जुड़े थे। उन्होंने शोरूम बनाने में करोड़ों रुपये खर्चे, लेकिन कंपनी अब अपना बोरिया-बिस्तर लेकर जा रही है। फोर्ड के इस ऐलान के बाद कई डीलरों ने अपने कर्मचारियों की छंटनी शुरू कर दी है, जिससे हजारों नौकरियों पर तलवार लटक रही है।

इसके साथ ही पिछले पांच साल के अंदर भारत से फोर्ड, हार्ले डेविडसन, फिएट, मान, पोलारिस, जनरल मोटर्स, यूनाइटेड मोटर्स मोटरसाइकिल्स जैसी सात प्रमुख ऑटो कंपनियां बाहर हो चुकी हैं। एनबीटी के मुताबिक कंसोर्टियम ऑफ इंडियन एसोसिएशंस के कन्वीनर केई रघुनाथन ने कहा कि केवल फोर्ड ही नहीं बल्कि 4,000 से अधिक छोटी कंपनिया बंद हो रही हैं।

अनुमान के अनुसार डीलरों के पास लगभग 1,000 गाड़ियों की इनवेंट्री है जिनकी कीमत 150 करोड़ रुपये है, लेकिन अब उन्हें बेचना आसान नहीं होगा। कंपनी की भारत छोड़ने की घोषणा के बाद ग्राहकों में भी घबराहट है। डीलरों का कहना है कि कुछ लोगों ने शुक्रवार को इस आश्वासन के बाद डिलीवरी ली कि उन्हें सर्विस और स्पेयर्स सपोर्ट मिलता रहेगा। फोर्ड अपनी आयातित कार एंडेवर और मुस्तांग को बेचने के लिए अधिकांश डीलरों को बनाए रखने की दिशा में काम कर रही है।

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