कोरोना के चलते खुदकुशी को भी कोविड से मौत मानेंगे : केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया

कोरोना से हुई मौत (Corona Death) के मामले में मुआवज़ा और डेथ सर्टिफिकेट पर मौत की वजह कोरोना लिखने के मामले सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. शीर्ष अदालत ने मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. अब 4 अक्टूबर को मामले की सुनवाई के वक्त कोर्ट फैसला सुनाएगा. केंद्र सराकर की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कोरोना संक्रमित होने के 30 दिन के भीतर अगर कोई आत्महत्या करता है तो उसको भी कोरोना से हुई मौत माना जायेगा.

जस्टिस शाह ने कहा कि देश में जनसंख्या और अन्य समस्याओं के होते हुए, विपरीत परिस्थितयो में सरकार ने जो काम किया है, वह सराहनीय है. कोर्ट ने कहा कि हम संतुष्ट हैं कि पीड़ित लोगों को सरकार के इस कदम से कुछ तो राहत मिली होगी. इतनी बड़ी जनसंख्या और आर्थिक बाधाओं के बावजूद भारत सरकार ने जिस तरह काम किया है, वो सराहनीय है. किसी और देश ने ऐसा नहीं किया.

डेथ सर्टिफिकेट किया जाएगा सही

केंद्र सरकार ने कोरोना से हुई मौत के डेथ सर्टिफिकेट पर कहा कि पहले से जारी सर्टिफिकेट में अगर कोई खामी है तो उसे सही किया जाएगा. सॉलिसिटर जनरल ने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर किसी के डेथ सर्टिफिकेट पर मौत की वजह हार्ट अटैक लिखी है तो भी परिजन संबंधित ऑथरिटी के पास जाकर कोरोना की RT-PCR रिपोर्ट दिखा कर डेथ सर्टिफिकेट को सही करा सकते हैं.

कष्ट पा चुके लोगों को मिलेगी सांत्वना

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमारे यहां दूसरे देशों से हालात बेहतर है विदेश में लोग मास्क और वैक्सीन के खिलाफ माई बॉडी माई रूल को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. सॉलिसिटर जनरल ने कहा मैं इस अदालत के लिए बहुत आभारी हूं, हम नुकसान की मरम्मत नहीं कर सकते हैं, लेकिन हम कुछ कर सकते हैं. जस्टिस शाह ने कहा कि हम आज बहुत खुश है, कष्ट पा चुके लोगों को तो कुछ सांत्वना मिलेगी.

सुसाइड करने वालों को भी मुआवजा

सॉलिसिटर जनरल ने कहा कोरोना की वजह से 30 दिन के भीतर आत्महत्या करने वाले व्यक्ति के परिवार को भी मुआवज़ा राशि दी जाएगी. जस्टिस शाह ने सॉलिसिटर जनरल से मुआवज़ा राशि के बारे में जानकारी मांगते हुए नाराज़गी जताते हुए कहा कि हमने इस बारे में मीडिया रिपोर्ट में पढ़ा है, हमसे पहले मीडिया में यह बातें चली जाती हैं.

50 हजार रुपए की अनुग्रह राशि

इससे पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कोरोना से मरने वालों लोगों के परिवार को ₹50000 अनुग्रह राशि दी जाएगी. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के बाद राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने कोरोना संक्रमण से होने वाली मौतों के लिए अनुग्रह राशि पर दिशा-निर्देश जारी किया था. NDMA ने राज्यों द्वारा राज्य आपदा राहत कोष से भुगतान करने के लिए ₹50 हजार निर्धारित किए हैं.

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने जताई थी नाराजगी

हलफनामे में कहा है कि अनुग्रह राशि स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फण्ड से दी जाएगी. कोरोना से मरने वालों के परिवार को मुआवजा देने की नीति तय न होने पर सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में हुई सुनवाई के दौरान नाराजगी जताई थी. कोर्ट ने केंद्र को मुआवजा नीति बनाने के अलावा डेथ सर्टिफिकेट में मौत की सही वजह दर्ज करने की व्यवस्था बनाने के लिए भी कहा था.

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