पेट्रोल-डीजल की महंगाई से मिलेगी राहत? ओपेक और तेल उत्पादक देशों ने लिया बड़ा फैसला

तेल निर्यात देशों के संगठन (OPEC) और सहयोगी उत्पादक देश तेल उत्पादन बढ़ाकर 21 लाख बैरल प्रतिदिन करेंगे. कुछ देशों में इकोनॉमिक रिकवरी को देखते हुए यह निर्णय किया गया है. ओपेक और सहयोगी तेल उत्पादक देशों (ओपेक प्लस) के ऊर्जा मंत्रियों की ‘ऑनलाइन’ बैठक में यह निर्णय किया है.

वास्तव में, ओपेक और संबद्ध उत्पादक देशों के सदस्य वैश्विक तेल बाजारों में परस्पर विरोधी दबावों से जूझ रहे हैं. एक तरफ जहां भारत जैसे कुछ देशों में कोविड-19 (COVID-19) संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण मांग कम होने का अंदेशा है जबकि कुछ देशों में आर्थिक सुधार हो रहा है जिससे मांग बढ़ने की उम्मीद है. संगठन ने सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद तेल उत्पादन बढ़ाने का फैसला किया.

कई शहरों में 100 रुपए के पार पेट्रोल का दाम

कच्चे तेल के दाम में उछाल से कई शहरों में पेट्रोल का भाव अब 100 रुपए प्रति लीटर के पार जा चुका है. मई महीने में पेट्रोल और डीजल के भाव (Petrol and Diesel Rate) में 16 दिन तक इजाफा देखने को मिला. अंतर्राष्‍ट्रीय बाजार में कच्‍चे तेल (Crude Oil) की कीमतों में तेजी की वजह से घरेलू तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल के भाव में इजाफा कर रही हैं. वहीं दूसरी ओर ईंधन पर केंद्र सरकार और राज्‍य सरकार द्वारा वसूले जा रहे टैक्‍स की वजह से भी आम आदमी पर बोझ बढ़ता जा रहा है.

महामारी के कारण मांग में कमी से उत्पादन में कटौती

सऊदी अरब की अगुवाई में ओपेक तथा अन्य सहयोगी देशों को इस बात की चिंता है कि भारत जैसे देशों में कोविड-19 महामारी (COVID-19 Pandemic) फैलने से वैश्विक मांग और कीमतों पर असर पड़ेगा. भारत प्रमुख तेल उपभोक्ता बाजार है.

तेल उत्पादक देशों ने 2020 में महामारी के कारण आयी नरमी को देखते हुए कीमतों को समर्थन देने के इरादे से उत्पादन में उल्लेखनीय कटौती की थी और अब उन्हें इस बात का निर्णय करना था कि तेल उत्पादन बढ़ाना बाजार के लिये कितना जरूरी है.

अमेरिका, यूरोप ओर एशिया में इकोनॉमिक रिकवरी से दूसरी छमाही में ऊर्जा मांग बढ़ने की उम्मीद है. मंगलवार को वैश्विक मानक ब्रेंट क्रूड का भाव 2.2 फीसदी बढ़कर 70.85 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया.

कब कितना बढ़ेगा उत्पादन

समूह की जून में 3,50,000 बैरल प्रतिदिन और जुलाई में 4,40,000 बैरल प्रतिदिन उत्पादन बढ़ाने की योजना है. साथ ही सऊदी अरब 10 बैरल की स्वैच्छिक कटौती में से धीरे-धीरे उत्पादन बढ़ा रहा है.

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