महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपने प्रचार अभियान को तेज करते हुए ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का नारा अपनाया है. हालांकि एनसीपी के वरिष्ठ नेता और बीजेपी के गठबंधन सहयोगी अजित पवार ने इस नारे का विरोध कड़ा विरोध किया है. अजित पवार ने कहा कि हिंदू एकता के नाम पर इस नारे का उपयोग महाराष्ट्र में नहीं चलेगा, मैं इस नारे का समर्थन नहीं करता, यह महाराष्ट्र में काम नहीं करेगा. उन्होंने आगे कहा हम महायुति में एक साथ काम कर रहे हैं, लेकिन हमारी पार्टियों की विचारधारा अलग-अलग है, हो सकता है कि दूसरे राज्यों में यह सब चलता हो, लेकिन महाराष्ट्र में ये काम नहीं करता.
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में सबसे जरुरी है विकास और उसी पर हमें ध्यान देने की जरुरत है. वे बोले, हो सकता है कि यह नारा उत्तर प्रदेश, झारखंड या कुछ अन्य जगहों पर प्रभावी हो, लेकिन महाराष्ट्र की राजनीति और संस्कृति अलग है.
शिवाजी, शाहू जी, फुले का राज्य- अजित पवार
अजित पवार ने कहा महाराष्ट्र छत्रपति शिवाजी महाराज, राजर्षि शाहू महाराज और महात्मा फुले का राज्य है, जहां सांप्रदायिक सौहार्द हमेशा प्राथमिकता रही है. बीजेपी ने यह नारा सबसे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान के आधार पर अपनाया था, जिसे उन्होंने बांग्लादेश में हिंदू विरोधी हिंसा के संदर्भ में पेश किया. अजित पवार बोले आरएसएस और भाजपा नेताओं ने इस नारे का समर्थन किया और महाराष्ट्र चुनाव अभियान में इसे बढ़ावा दे रहे है. उन्होंने कहा हाल ही में महाराष्ट्र में एक चुनावी रैली में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस नारे को दोहराया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने भी इसे अपनी रैलियों में अपनाया.
क्यों किनारा काट रहें अजित पवार ?
मौजूदा विधानसभा चुनाव में अजित पवार ने अपनी पार्टी से नवाब मलिक, हसन मुश्रीफ, सन्ना मलिक और बाबा सिद्दकी के बेटे जीशान मलिक जैसे मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है. साथ ही महाराष्ट्र में उनकी पार्टी के लिये मुस्लिम वोट एक अहम रोल अदा करती है. ऐसे में इस नारे के समर्थन से अल्पसंख्यक वोटर किनारा कस सकते हैं. इससे पहले नवाब मलिक की उम्मीदवारी को लेकर बीजेपी ने खुलकर बयानबाजी की थी.
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को एक ही चरण में मतदान होना है. इस चुनाव में महायुति गठबंधन जिसमें भाजपा, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी शामिल है. इनका मुकाबला महा विकास अघाड़ी से होगा, जिसमें उद्धव ठाकरे की शिवसेना, शरद पवार की एनसीपी और कांग्रेस शामिल हैं. यहां वोटो की गिनती 23 नवंबर को होगी.