शीतकालीन सत्र: आतंक के खिलाफ भारत में जीरो टॉलरेंस की नीति

आज से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है। इस सत्र में कुल 17 कार्य दिवस होंगे। सत्र के दौरान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में जम्मू कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में बताया। इस दैरान उन्होंने जम्मू में सरकार द्वारा लोगों की रक्षा के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी जानकारी दी। साथ ही आतंकी घटनाओं में स्थानीय निवासियों की मौत के बारे में भी नित्यानंद राय ने राज्यसभा में जानकारी दी। 

 आठ पत्रकारों को आतंकवादियों से मिली ऑनलाइन धमकी 
एक लिखित प्रश्न का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कश्मीर में काम करने वाले आठ पत्रकारों को आतंकवादियों से ऑनलाइन धमकी मिली। जिसके कारण उनमें से चार ने कथित तौर पर अपनी नौकरी से इस्तीफा भी दे दिया। इसे लेकर श्रीनगर के शेरगारी थाने में मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि ‘जैसा कि जानकारी मिली है कि श्रीनगर स्थित स्थानीय समाचार पत्रों के लिए काम करने वाले आठ पत्रकारों को आतंकी ब्लॉग ‘कश्मीर फाइट’ के माध्यम से धमकी मिली थी। जिसके बाद चार मीडियाकर्मियों ने कथित तौर पर इस्तीफा भी दे दिया है। जिन मीडियाकर्मियों ने इस्तीफा दिया है, वे ‘राइजिंग कश्मीर’ मीडिया हाउस के हैं।

सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति 
लिखित प्रश्न का जवाब देते हुए नित्यानंद राय ने कहा कि सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार ने लोगों के जीवन की रक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं। पुलिस, सेना, अर्धसैनिक बल और खुफिया एजेंसियां जम्मू और कश्मीर में किसी भी हमले को विफल करने के लिए तैनात रहती हैं।

 जम्मू-कश्मीर में 2022 में मारे गए 3 कश्मीरी पंडित 
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने आगे कहा कि नवंबर 2022 तक जम्मू-कश्मीर में 123 आतंकवादी घटनाएं हुईं। इनमें सुरक्षा बलों के 31जवानों ने ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवाई, जबकि 31 नागरिकों ने भी अपनी जान गंवाई। वहीं इस साल (नवंबर 2022 तक) सुरक्षाकर्मियों के साथ हुई मुठभेड़ में जम्मू-कश्मीर में 180 आतंकवादी मारे गए हैं। वहीं, जनवरी, 2022 से 30 नवंबर, 2022 तक केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में तीन कश्मीरी पंडितों सहित अल्पसंख्यकों के 14 लोग मारे गए हैं।

कश्मीरी प्रवासियों के लिए सरकार ने उठाए कदम
इस दौरान नित्यानंद राय ने कश्मीरी प्रवासियों के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री विकास पैकेज, 2015 के तहत कश्मीरी प्रवासियों के लिए 3,000 सरकारी नौकरियां सृजित की गई हैं, जिनमें से 2,639 को पिछले पांच वर्षों में नियुक्त किया गया है।

बीते पांच सालों देश में 2900 से अधिक सांप्रदायिक हिंसा के मामले हुए दर्ज 
इस दौरान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बीते पांच सालों में देश में सांप्रदायिक हिंसा के मामलों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि देश में 2017 से 2021 के बीच सांप्रदायिक या धार्मिक दंगों के 2,900 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि 2021 में सांप्रदायिक या धार्मिक दंगों के कुल 378 मामले दर्ज किए गए। इसी तरह 2020 में 857, 2019 में 438, 2018 में 512 और 2017 में 723 मामले दर्ज किए गए थे। 

पांच साल में मारे गए 57 अर्धसैनिक बल
देश में पिछले पांच साल में भाई-भतीजावाद की घटनाओं में कम से कम 57 अर्धसैनिक बल के जवानों की मौत हुई है। राज्यसभा को बुधवार को यह जानकारी दी गई। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि मृतकों में 22 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), 17 सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), नौ केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), छह भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), दो सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और एक असम राइफल्स से थे। उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि इस तरह के अधिकांश मामलों के पीछे कारण और परिस्थितियां आम तौर पर व्यक्तिगत और घरेलू समस्याएं जैसे वैवाहिक कलह, व्यक्तिगत दुश्मनी, मानसिक बीमारी, अवसाद और वित्तीय संबंधित पाई जाती हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here