वॉकहार्ट ने रहस्मयी कोरोना वैक्सीन की डील की, 2 हफ्ते में औपचारिक ऐलान

नई दिल्ली:

भारतीय फार्मा कंपनी वॉकहार्ट एक अज्ञात टीके के लिए एक बड़े उत्पादन सौदे की घोषणा करने के लिए तैयार है. वॉकहार्ट के अध्यक्ष डॉ हाबिल खोराकीवाला ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान एनडीटीवी से कहा कि औपचारिक घोषणा दो सप्ताह में होने वाली है, और टीके का उत्पादन अक्टूबर में शुरू हो जाएगा. उन्होंने कहा कि कंपनी सालाना 500 मिलियन खुराक बनाने में सक्षम होगी. यह पूछे जाने पर कि क्या टीका दिसंबर तक बाजार में उपलब्ध होगा? इसका जवाब देते हुए खोराकीवाला ने कहा, “हमारी व्यवस्था प्रमुख नवप्रवर्तक के साथ अनुबंध निर्माता के रूप में है…हम उन्हें इसकी आपूर्ति करेंगे और वे इसे भारत में पेश करेंगे.”

यह पूछे जाने पर कि क्या टीके की प्रतिस्पर्धी कीमत होगी? इस पर खोराकीवाला ने कहा, “हमारे और उनके बीच केवल एक मूल्य समझौता है, लेकिन वे क्या कीमत लगाएंगे यह उन पर निर्भर करता है. उन्होंने कहा कि यह सौदा एक महत्वपूर्ण समय में देश भर में वैक्सीन की भारी कमी के बीच हुआ है. विशेषज्ञों ने बार-बार इस बात को रेखांकित किया है कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर से बचने का एकमात्र तरीका टीकाकरण में तेजी लाना है. देश ने अब तक 3 प्रतिशत से अधिक आबादी का टीकाकरण किया है, और उसे लगभग 2.5 बिलियन और खुराक की आवश्यकता है.

खोराकीवाला ने कहा कि बच्चों के टीकाकरण पर भी विचार करने की तत्काल आवश्यकता है, जो कई लोगों का कहना है कि तीसरी लहर में वायरस का मुख्य लक्ष्य होगा. अब तक अमेरिका और कनाडा समेत कई देशों ने बच्चों का टीकाकरण शुरू कर दिया है. केंद्र सरकार ने अगस्त तक एक करोड़ टीकाकरण का लक्ष्य रखा है. सरकार ने यह भी आश्वासन दिया है कि दिसंबर तक पूरे देश में टीकाकरण कर दिया जाएगा, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि वे इतनी सारी कोरोना टीके की खुराक कहां से लाएंगे?

वर्तमान में भारत में तीन कोरोना टीका उपलब्ध है, जिसमें से सीरम इंस्टीट्यूट का कोविशील्ड, भारत बायोटेक से स्वदेश में विकसित को-वैक्सीन और रूस का स्पुतनिक-वी हैं. सरकार ने हैदराबाद स्थित बायोलॉजिकल-ई से एक नए कोविड वैक्सीन की 30 करोड़ खुराक बुक की है, जो अभी भी तीसरे चरण के नैदानिक ​​​​परीक्षण में है. सरकार ने कहा है कि पहले दो चरणों में वैक्सीन ने अच्छा प्रदर्शन किया है. भारत बायोटेक के को-वैक्सीन के बाद यह देश में इस्तेमाल होने वाला दूसरा स्वदेशी टीका होगा. इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय कंपनी को ₹ 1,500 करोड़ का अग्रिम भुगतान करेगा.

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