देश की दलित राजनीति पर छा जाने को आतुर नगीना सांसद चन्द्रशेखर के समर्थकों ने शुकतीर्थ स्थित सन्त शिरोमणि समनदास महाराज आश्रम पर जमकर हंगामा काटा। चन्द्रशेखर के साथ आये लोगों ने आरोप लगाया कि जब 11 जून को उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सन्त की बंदगी पर बुलाया गया तो संत गोवर्धन ने उनकी उपेक्षा की जिससे वे ‘बंदगी’ नहीं कर सके। सांसद चन्द्रशेखर ने भी यही आरोप लगाए।
सन्त समनदास महाराज के शुकतीर्थ स्थित आश्रम का संचालन सन्त गोवर्धन जी कई दशकों से करते आ रहे हैं। उनकी श्रद्धा-भक्ति, सेवा भावना में कभी कोई कमी दृष्टिगोचर नहीं हुई। लाखों लोग, जिनमें गैरदलित भी होते हैं, समनदास महाराज को यहां-आकर नमन करते हैं।
11 जून 2015 को मुख्यमंत्री जी के कार्यक्रम में संत गोवर्धन जी ने सन्तसमाज के सम्मान का विशेष ध्यान रखा। मंच पर मुख्यमंत्री योगी जी के साथ सन्तों को आसीन किया गया। मंत्रियों, सांसद, विधायकों तथा राजनीतिकजनों के लिए पृथक मंच बनाया गया। दलित समाज के सभी संतजनों को आदर के साथ कुर्सियां डालकर प्रथम पंक्ति में बैठाया गया। न तो किसी का अपमान हुआ, न तिरस्कार। किसी को गुरु की बंदगी से भी नहीं रोका गया। समारोह के वीडियो, चित्र मौजूद है।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ, योगी कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार के निमंत्रण पर सन्तशिरोमणि आश्रम पहुंचे थे और सन्त को माथा नवाया था। जाति आधारित राजनीति करने वालों को इससे परेशानी हुई क्योंकि योगी जी ने मंच से सन्त रविदास महाराज की वाणी को दोहराते हुए कहा था- जात-पात पूछे नहिं कोई, हरि को भजे सो हरि का होई।
ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ लोग सन्त समनदास आश्रम को राजनीति का अखाड़ा बनाना चाहते हैं। सांसद के साथ दलित समाज के जो सन्त थोकबन्द होकर संत गोवर्धन जी के विरुद्ध भड़ास निकाल रहे थे, उनमें से अधिकतर संतजन 11 जून के समारोह में उपस्थित नहीं थे। संतों को, आश्रमों को राजनीति का मोहरा बनाया जाना उचित नहीं। इससे क्षणिक राजनीतिक लाभ मिल सकता है किन्तु सामाजिक तोड़फोड़ की नीति से राष्ट्र विरोधियों को ही बल मिलता है।
सांसद चन्द्रशेखर और उनके थोकबन्द समर्थक जिन तेवरों के साथ शुकतीर्थ पहुंचे थे, उसे देखकर लगता है आश्रम को लेकर वर्चस्व की लड़ाई छेड़ दी गई है और सन्त गोवर्धन जैसे नि:स्वार्थी सन्त को जली-कटी सुनाई गई, उन पर निराधार आरोप लगाये गए।
सम्भवतः जिला प्रशासन को किसी अनहोनी या टकराव की आशंका थी। सांसद ने अपना मन्तव्य स्पष्ट कर भी दिया है कि उनके कार्यकर्ता सड़कों पर उतरेंगे। आगामी 10-11 अगस्त को आश्रम में आने का आह्वान किया है। फिलहाल कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए मुजफ्फरनगर के अपर जिला अधिकारी वित्त गजेन्द्र सिंह, जानसठ के एसडीएम जयन्त सिंह, क्षेत्राधिकारी पुलिस डॉ. रविशंकर मिश्र तथा पुलिस व प्रशासन के लोग शुकतीर्थ में उपस्थित थे। हर विवेकशील एवं समाज हितैषी व्यक्ति चाहेगा कि आश्रम और तीर्थ स्थल में शांति एवं पवित्रता बनी रहे। सन्तों के आश्रमों को तो बख्श दिया जाना चाहिए। शक्ति प्रदर्शन के लिए तो पूरा देश पड़ा है।
गोविंद वर्मा
संपादक ‘देहात’