आईएसआईएस के लिए युवाओं की भर्ती के मामले में छह आरोपियों ने मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत में अपना गुनाह कबूल कर लिया। इन आरोपियों ने आतंकवादी संगठन का कार्यकर्ता बनने और देश में आतंकी गतिविधियां चलाने के लिए सोशल मीडिया के विभिन्न मंचों के जरिए युवाओं की भर्ती करने की साजिश रची थी।
एनआईए ने इन आरोपियों के खिलाफ 2016-17 में आरोपपत्र दाखिल किए थे। पटियाला हाउस अदालत के विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह के समक्ष आरोपियों अबू अनस, मुफ्ती अब्दुल सामी कासमी, सुहैल अहमद, नफीस खान, मोहम्मद अफजल और अब्दुल्ला खान ने याचिकाएं दाखिल करके अपना गुनाह कबूल किया।
आरोपियों ने दोष स्वीकार करते हुए अदालत से कहा कि उन पर लगाए गए आरोपों को लेकर उन्हें पछतावा है और भविष्य में ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होंगे। इन आरोपियों की ओर से वकील कौसर खान ने अदालत को बताया कि आरोपी मुख्यधारा में लौटना और खुद का पुनर्वास चाहते हैं।
आरोपियों की याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई होगी। इनसे पहले मुदब्बीर मुश्ताक शेख, मोहम्मद शरीफ मोइनुद्दीन खान, आसिफ अली, मोहम्मद हुसेन खान, सैयद मुजाहिद और मोहम्मद अजहर खान भी अपना गुनाह कबूल कर चुके हैं। इनकी सजा पर भी बुधवार को सुनवाई होगी।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 9 दिसंबर 2015 को आईपीसी की विभिन्न धाराओं और यूएपीए के तहत इन पर मुकदमा दर्ज किया था। एनआईए ने कहा कि यह मामला विभिन्न सोशल मीडिया मंचों के जरिए भारत में मुस्लिम युवाओं की भर्ती करने की आईएसआईएस की साजिश का है।