कनाडा कानून के शासन वाला देश- निज्जर हत्या मामले में तीन भारतीयों की गिरफ्तारी पर बोले ट्रूडो

खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच तनातनी बनी हुई है। कनाडा ने हाल ही में इस मामले में तीन भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार किया है। इसी को लेकर प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि कनाडा कानून के शासन वाला देश है, जहां मजबूत एवं स्वतंत्र न्याय प्रणाली है।

इन लोगों को किया गिरफ्तार
बता दें, 18 जून 2023 में कनाडा के सरी शहर में एक गुरुद्वारा साहिब के निकट गोली मारकर खालिस्तानी समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में कनाडा पुलिस ने तीन आरोपियों करनप्रीत सिंह, कमलप्रीत सिंह और करण बराड़ को गिरफ्तार किया है। इन लोगों पर प्रथम डिग्री हत्या और हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है।

कानून के शासन वाला देश
ट्रूडो शनिवार को टोरंटो में सिख विरासत का जश्न मनाने वाले एक समारोह में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने गिरफ्तारियों के बारे में कहा, ‘यह महत्वपूर्ण है क्योंकि कनाडा एक मजबूत और स्वतंत्र न्याय प्रणाली के साथ-साथ अपने सभी नागरिकों की रक्षा के लिए एक मौलिक प्रतिबद्धता वाला कानून के शासन वाला देश है।’

जांच तीन लोगों की संलिप्तता तक सीमित नहीं
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ट्रूडो ने कहा कि जैसा कि आरसीएमपी का कहना है कि जांच चल रही है। आगे भी जारी रहेगी। साथ ही जांच कल गिरफ्तार किए गए तीन लोगों की संलिप्तता तक सीमित नहीं है। उन्होंने कहा कि निज्जर की हत्या के बाद सिख समुदाय के कई लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।  हर कनाडाई को सुरक्षित रूप से रहने और कनाडा में भेदभाव और हिंसा के खतरों से मुक्त रहने का मौलिक अधिकार है।

भारत और कनाडा के बीच संबंध तनावपूर्ण
पिछले साल सितंबर में खालिस्तान अलगाववादी 45 वर्षीय निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता के ट्रूडो के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए थे। हालांकि, भारत ने ट्रूडो के आरोपों को बेतुका और प्रेरित बताते हुए खारिज कर दिया था। कहा था कि ये टिप्पणियां कनाडा में अलगाववाद, चरमपंथ और हिंसा की दी गई राजनीतिक जगह को दिखाती है। 

लॉरेंस बिश्नोई गैंग से है संबंध
कनाडा पुलिस के अनुसार इन तीनों का संबंध गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के ग्रुप से है। करण बराड़ लगभग साढ़े चार साल पहले 12वीं की पढ़ाई करने के बाद स्टडी वीजा पर कनाडा गया था। वह अपने माता-पिता का इकलौता पुत्र है। 18 अप्रैल को ही उसके पिता मनदीप सिंह बराड़ की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। उसकी माता रमनदीप बराड़ लगभग डेढ़ साल पहले सिंगापुर चली गई थी। करण बराड़ अपने पिता की मौत पर भी नहीं आया था। अब घर में सिर्फ उसके दादा बलवीर सिंह बराड़ हैं।

दादा बोले- यहां तो शरीफ था मेरा पोता
बलवीर सिंह बराड़ ने बताया था कि यहां पर उनका पोता बहुत ही शरीफ और समझदार था। वहां जाकर क्या हुआ क्या नहीं इसके बारे में उन्हें कुछ नहीं पता।

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