केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर सुप्रीम कोर्ट ने नहीं दिया कोई फैसला

शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आज यानी मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है. दो दिन बाद शीर्ष अदालत में इस मामले में फिर सुनवाई होगी. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने आज अपना फैसला नहीं सुनाया. सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के वकीलों ने अपनी-अपनी दलीलें पेश कीं. ऐसे में आइए हम आपको बताते हैं कि केजरीवाल की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट में क्या कुछ हुआ? 

  • जमानत पर सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि लोकसभा चुनाव चल रहा है. यह एक असाधारण मामला है. केजरीवाल चुने हुए मुख्यमंत्री हैं. वह किसी अन्य मामले में शामिल नहीं हैं. एसजी तुषार मेहता ने कहा कि कृपया मामले को पूरा सुनें. हम क्या उदाहरण स्थापित कर रहे हैं. वह एक मुख्यमंत्री हैं और प्रचार करना चाहते हैं.
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कैंपेन से कोई नुकसान नहीं है. एसजी ने कहा कि अगर एक किसान को अपने खेत की देखभाल करनी है और एक किराना दुकान के मालिक को अपनी दुकान पर जाना है तो एक मुख्यमंत्री को आम आदमी से अलग कैसे माना जा सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक लोगों के साथ अलग व्यवहार नहीं किया जा सकता.
  • ASG ने कहा कि लेकिन देखा जाए तो केजरीवाल की गिरफ्तारी सही थी. इस जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि आप देखिए. हम सर्वोच्च न्यायालय में हैं. हम कह सकते हैं कि गिरफ्तारी सही थी और फिर भी अंतरिम जमानत दे सकते हैं और फिर खुद को सुधार सकते हैं. हम कर सकते हैं.
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम केस की मेरिट पर नहीं जा रहे हैं, सिर्फ अंतरिम जमानत पर दलील रखिए. ये लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक कार्यकारी को लेकर है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर हमने फैसला सुरक्षित रखा तो उसे सुनाना भी पड़ेगा. यदि हम फिर से याचिका स्वीकार करने का निर्णय लेते हैं तो चुनाव प्रचार का यह दौर चला जाएगा.
  • सॉलिसिटर जनरल (SG) ने कहा कि अगर अदालत हमें अंतरिम जमानत का जवाब देने के लिए कहती है तो इस अदालत को उनकी भूमिका पर सुनवाई करनी चाहिए. अगर वह प्रचार नहीं करेंगे तो आसमान नहीं गिर जाएगा. सिर्फ इसलिए कि उनके पास समय खत्म हो रहा है.
  • एसजी ने कहा कि हम राजधानी के सीएम के साथ काम कर रहे हैं और वह 6 महीने तक समन से बचते रहे हैं. कृपया कोई अपवाद न बनाएं, क्योंकि यह एक वास्तविक आम आदमी को हतोत्साहित करेगा. इस पर जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि देखिए फरवरी-मार्च 2023 में नाम सामने आया और फिर कुछ नहीं किया गया. आपको उस तर्क पर भी खरा उतरना होगा.

केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर SC की अहम टिप्पणी

  • अरविंद केजरीवाल चुने हुए सीएम
  • केजरीवाल के खिलाफ कोई केस नहीं
  • चुनाव की वजह से जमानत पर विचार कर रहे
  • चुनाव नहीं होता तो फैसला सुरक्षित होता
  • चुनाव 5 साल में एक बार आते हैं
  • चुनाव प्रचार करने में हर्ज नहीं.
  • हम अक्सर अंतरिम आदेश जारी करते हैं.
  • हम किसी के राजनीतिक व्यक्ति पर नहीं जा रहे हैं.
  • हम देख रहे हैं कि केस सही या नहीं
  • ये नहीं देख रहे हैं कि व्यक्ति राजनीतिक है या नहीं
  • हम अंतरिम जमानत भी दे सकते हैं.
  • जमानत दे सकते हैं तो अंतरिम जमात क्यों नहीं

ED की दलील

  • अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी सही
  • केजरीवाल 6 महीने तक समन से बचते रहे
  • कोई सीएम है तो रितायत नहीं मिल सकती?
  • नेताओं के लिए क्या अपवाद बनाया जा हा
  • क्या चुनाव में प्रचार करना जरूरी
  • केजरवाल प्रचार नहीं करेंगे तो आसमान नहीं गिर जाएगा
  • ईडी जमानत का लगातार विरोध कर रही है.

केजरीवाल 21 मार्च को हुए थे अरेस्ट

शराब घोटाले में ED ने अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. 22 मार्च को उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया था. कोर्ट ने उन्हें 28 मार्च तक ईडी रिमांड पर भेज दिया. फिर उनकी रिमांड 1 अप्रैल तक बढ़ाई गई. इस दिन उन्हें जेल भेज दिया गया. इस दौरान कोर्ट ने 15 अप्रैल तक उनकी न्यायिक हिरासत बढ़ा दी. शराब घोटाले में केजरीवाल को नौ समन भेजा गया था लेकिन वो जांच एजेंसी के समझ कभी पेश नहीं हुए थे.

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