नामांकन से एक दिन पहले श्रावस्ती में सपा ने बदला टिकट, कल धीरेंद्र सिंह करेंगे नामांकन

समाजवादी पार्टी ने श्रावस्ती संसदीय सीट पर ऐन वक्त पर प्रत्याशी बदल दिया है। इसकी चर्चाएं रविवार की शाम को तेज रहीं। कांग्रेस के धीरेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ धीरू को टिकट मिलने की बात सामने आई। धीरेन्द्र सिंह ने बातचीत में कहा कि मुझे फार्म ए व बी मिला है, सोमवार को नामांकन करूंगा। उन्होंने नामांकन पत्र पहले ही ले रखा था।

सपा के इस फैसले से बसपा से पार्टी में आए सांसद राम शिरोमणि वर्मा को झटका लगा है। वह नामांकन पत्र भी दाखिल कर चुके हैं। छठवें चरण में मतदान होने से अभी सोमवार को भी नामांकन का मौका है। सपा में आए सांसद राम शिरोमणि वर्ष 2019 में सपा- बसपा गठबंधन से बसपा प्रत्याशी थे और जीते थे। इस बार उन्हें बसपा ने अनुशासनहीनता के कारण पार्टी से बाहर कर दिया था। इसके बाद सपा का दामन थाम कर वह टिकट हासिल करने में सफल हो गए थे। लेकिन पूर्व विधायक धीरेंद्र प्रताप सिंह लगातार कांग्रेस के बड़े नेताओं और सपा मुखिया के संपर्क में बने थे। वह यह साबित करने में लगे रहे कि सांसद राम शिरोमणि से जिले की जनता नाराज है। जीतने के बाद वह पांच साल क्षेत्र में नहीं दिखे।

सपा पर कांग्रेस नेताओं का भी दबाव था कि धीरेंद्र प्रताप सिंह को टिकट दे दिया जाए। भाजपा से सीधा मुकाबला होने से राम शिरोमणि राजनीतिक माहौल नहीं बना पा रहे हैं। वह अंबेडकरनगर के रहने वाले हैं और कई तरह का विरोध झेल रहे हैं। स्थानीय प्रत्याशी होने से मुकाबला कड़ा होना तय है। इसके बाद सपा से धीरेंद्र प्रताप सिंह को उम्मीदवार बनाए जाने के शोर पर धीरू समर्थक जश्न में दिखे।

सपा के एक राष्ट्रीय नेता ने भी कहा कि टिकट धीरेन्द्र सिंह को मिला है, लेकिन मेरे नाम से न लिखिए। हम लिखित पर ही कुछ कहेंगे लेकिन टिकट बदल चुका है। वहीं सपा जिलाध्यक्ष डा. मणिक लाल कश्यप ने कहा कि टिकट बदलने की जानकारी पार्टी कार्यालय से फ़ोन पर आई है लिखित अभी नहीं मिला है। इस तरह बदलाव पर मुहर लग चुकी है, बस सूची की बात है तो वह सोमवार को जारी होने की बात कही जा रही है।

राजनीति में माहिर हैं धीरेंद्र सिंह
धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ धीरू ने छात्रसंघ से राजनीति में प्रवेश किया। साल 2007 में बलरामपुर सदर से बसपा से पहला चुनाव लड़े और जीत दर्ज की। साल 2010 में विधान परिषद सदस्य का चुनाव पत्नी सविता सिंह को लड़ाया और शानदार जीतद दर्ज की। साल 2012 में बलरामपुर में सीट आरक्षित होने पर बसपा से उतरौला विधानसभा का चुनाव लड़े और कम मतों से चुनाव हार गए थे। लोकसभा 2019 में श्रावस्ती लोकसभा से कांग्रेस से चुनाव भी लड़ चुके हैं। इस समय उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश महासचिव हैं। अवध के मजबूत नेताओं में उनकी गिनती है, वह विधायक बनने से पहले प्रधान व जिला पंचायत सदस्य भी रह चुके हैं। वर्तमान में उनके भतीजे अविरल सिंह हरैय्या सतघरवा ब्लाक के प्रमुख भी हैं।

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