‘करीब 20 मिनट तक गोलीबारी होती रही। गोलियों की आवाज सुनकर मेरे बच्चे रोने लगे। हम डर गए थे। मुझे बाद में पता चला कि यह गोलीबारी सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हुई है। इसमें हमारे कुछ सैनिक घायल हो गए और उनमें से एक ने बाद में दम तोड़ दिया। ये बातें पुंछ के जारन वाली गली इलाके में रहने वाले स्थानीय नागरिक असगर ने बताईं।
उन्होंने आगे कहा, ‘विशेष रूप से यह नहीं कह सकता कि वहां कितने आतंकवादी थे क्योंकि मैं उन्हें घने जंगलों के कारण नहीं देख सका।’ उन्होंने कहा कि यह इस इलाके में इस तरह की पहली मुठभेड़ थी।
असगर ने कहा, “मैं हर रोज अब अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर भयभीत रहता हूं। हमले के बाद से इस दूरदराज के इलाके में रोज की आवश्यक आपूर्ति वाले वाहनों ने भी आना बंद कर दिया है। इससे हमें अपनी दैनिक आपूर्ति के बारे में अधिक चिंता हो रही है। चूंकि मैं रात की ड्यूटी पर रहता हूं, इसलिए मुझे अपनों की सुरक्षा का और भी अधिक डर है। सुरक्षाबल हर जगह तलाश कर रहे हैं। उम्मीद है जल्द शांति कायम हो।’
उन्होंने कहा, ‘मैं प्रार्थना करता हूं कि भगवान समझ दे ऐसे लोगों के लिए जो संवेदनहीन हिंसा में विश्वास करते हैं। आतंकवादी हमले में जान गंवाने वाला अधिकारी भी किसी का पति, भाई और बेटा था। आतंकवादी क्यों निर्दोषों की जान ले लेते हैं।’
पुंछ हमले के प्रत्यक्षदर्शी ने नियमित रूप से इस मार्ग पर यात्रा करने वाले वायु सेना कर्मियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि जब भी कोई काफिला इस क्षेत्र से गुजरता है, तो वायु सैनिक बच्चों को टॉफी आदि जरूर देते हैं।
“मैं यहां रहता हूं और सेनाएं हर दिन इस रास्ते से गुजरती हैं। सेना के जवान अक्सर मेरे बच्चों को टॉफी देने के लिए रुकते हैं। हमें गहरा दुख है कि हमारे चार सैनिक घायल हो गए और उनमें से एक बलिदान हो गए।
कॉर्पोरल पहाड़े का अंतिम संस्कार सोमवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनके गृहनगर मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में किया गया। शहीद जवान के पार्थिव शरीर को उधमपुर से विशेष विमान द्वारा नागपुर लाया गया, जहां से सेना के विशेष हेलीकॉप्टर द्वारा छिंदवाड़ा लाया गया। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शहीद वीर को श्रद्धांजलि अर्पित की, जबकि स्थानीय लोगों की भारी भीड़ उन्हें अश्रुपूर्ण विदाई देने के लिए एकत्र हुई।