यूक्रेन के खिलाफ रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है रूस: अमेरिका

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है। इस बीच बुधवार को संयुक्त राज्य अमेरिका ने रूस पर यूक्रेन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय रसायनिक हथियार प्रतिबंध का उल्लंघन करने का आरोप लगया। अमेरिका का कहना है कि रूस ने यूक्रेनी सैनिकों के खिलाफ चोकिंग एजेंट क्लोरोपिक्रिन को तैनात किया है। अमेरिका ने रूस पर यूक्रेन में दंगा नियंत्रण एजेंटों को इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। बता दें, क्लोरोपिक्रिन को रासायनिक हथियार निषेध संगठन (ओपीसीडब्ल्यू) ने प्रतिबंधित चोकिंग एजेंट के रूप में सूचीबद्ध किया है। 

अमेरिकी विदेश विभाग ने एक बयान में बताया कि रूसी सेना यूक्रेनी सेनाओं को उनके गढ़ से हटाने के लिए ऐसे रसायनों का इस्तेमाल कर रही है। दरअसल, हाल ही में एक मीडिया रिपोर्ट ने यूक्रेनी सेना के हवाले से कहा था कि रूस ने एजेंटों के अवैध उपयोग को बढ़ा दिया है। यूक्रेनी सेना का कहना है कि रूस क्लोरोपिक्रिन के अलावा, सीएस और सीएन गैसों से भरे ग्रेनेड का भी इस्तेमाल कर रहा है। 

रूस-यूक्रेन युद्ध कैसे शुरू हुआ था? 
23 फरवरी 2022 की रात रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ सैन्य ऑपरेशन का एलान किया। चंद घंटे बाद यानी 24 फरवरी की तड़के सुबह अचानक यूक्रेन की राजधानी कीव और आसपास के शहरों में हवाई हमले होने लगे। रूस के इस हमले से पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया। उधर यूक्रेन ने भी जवाबी कार्रवाई शुरू की। 

युद्ध के शुरू होने के साथ शुरू हो गया दुनिया का दो धड़ों में बंटना। यूक्रेन का साथ देने के लिए नाटो सदस्य देश खड़े हो गए तो अमेरिका, ब्रिटेन, पोलैंड, फ्रांस समेत कई देशों ने युद्ध से बाहर रहते हुए इसको मदद पहुंचानी शुरू कर दी। दूसरी ओर चीन, दक्षिण कोरिया, ईरान जैसे देश प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रूस के साथ खड़े हैं। भारत की बात करें तो इसने किसी का पक्ष नहीं लिया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि भारत सार्वजनिक रूप से इस युद्ध की समाप्ति के लिए प्रतिबद्ध है।

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