विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, लद्दाख की स्थिति 1962 के संघर्ष के बाद ‘सबसे गंभीर’

नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि चीन के साथ सीमा विवाद का समाधान सभी समझौतों एवं सहमतियों का सम्मान करते हुए और एकतरफा ढंग से यथास्थिति में बदलाव का प्रयास किए बिना ही प्रतिपादित किया जाना चाहिए। उन्होंने इस मुद्दे पर भारत का रुख स्पष्ट किया। जयशंकर ने लद्दाख की स्थिति को 1962 के संघर्ष के बाद ‘सबसे गंभीर’ बताया और कहा कि दोनों पक्षों की ओर से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अभी तैनात सुरक्षा बलों की संख्या भी ‘अभूतपूर्व’ है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सभी सीमा स्थितियों का समाधान कूटनीति के जरिए हुआ।

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