मेरठ: कोरोना काल के मद्देनजर विश्वविद्यालय के अंतिम वर्ष की परीक्षाएं करवाने के खिलाफ दाखिल अर्जी पर शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय ने अपना फैसला सुना दिया है।
अदालत ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के छह जुलाई के परिपत्र को बरकरार रखते हुए यूजीसी के दिशा निर्देशों को खत्म करने से इनकार करते हुए कहा कि राज्य के पास परीक्षा रद्द करने का अधिकार है, लेकिन बिना परीक्षा के छात्र पास नहीं होंगे।
अदालत ने कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत राज्य महामारी को देखते हुए परीक्षाएं स्थगित कर सकते हैं और अगली तारीख तय करने के लिए यूजीसी से सलाह ली जा सकती है। अदालत ने ये भी कहा कि राज्यों को छात्रों को प्रमोट करने के लिए परीक्षा आयोजित करनी चाहिए।