कर्नाटक में पीएफआई के 25 मेंबर गिरफ्तार

टेरर फंडिंग पर शिकंजा कसने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के निर्देश पर देश की दूसरी एजेंसियों ने एक बार फिर से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कई ठिकानों पर छापेमारी की है। आठ राज्यों में छापेमारी के दौरान 150 से अधिक पीएफआई के सदस्यों को हिरासत में लिया गया है। सभी संदिग्धों से पूछताछ जारी है। बता दें कि जिन राज्यों में छापेमारी की जा रही है उनमें दिल्ली, यूपी, कर्नाटक, असम, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश के नाम शामिल हैं। वहीं छापेमारी पर गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि हमें पीएफआई के खिलाफ संदिग्ध सूचना मिली है। जिसके आधार पर छापेमारी की गई। कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया। छापेमारी चल रही है, जो जानकारी हमें आगे मिलेगी उसके अनुसार तलाशी ली जाएगी । 

कर्नाटक से 75 से अधिक PFI और SDPI के सदस्य हिरासत में
कर्नाटक से SDPI यादगिरि जिला अध्यक्ष सहित 75 से अधिक पीएफआई और एसडीपीआई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है। पूरे राज्य में पुलिस की छापेमारी चल रही है। सभी के खिलाफ धारा 108, 151 सीआरपीसी के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।  

असम से भी गिरफ्तारी
कर्नाटक के अलावा असम से भी पीएफआई से जुड़े 25 लोगों को हिरासत में लिया गया है। असम में भी मंगलवार को पुलिस ने अभियान चलाकर राज्यभर से कुल 25 पीएफआई के नेता-कर्मियों को गिरफ्तार किया। पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार पीएफआई के सदस्यों में से 5 कामरूप ग्रामीण से, ग्वालपाड़ा से 10, करीमगंज से एक, दरंग से एक, उदालगुड़ी से एक, धुबड़ी से 3, बरपेटा से दो और बक्सा जिले से दो शामिल हैं। पीएफआई के खिलाफ कई जिलों में छापेमारी अभी भी जारी है। इस बात की जानकारी असम के एडीजीपी (विशेष शाखा) हिरेन नाथ ने  दी है।  इससे पहले, असम पुलिस ने राज्य के विभिन्न हिस्सों से पीएफआई के कार्यकर्ताओं के 11 नेताओं और दिल्ली से एक नेता को गिरफ्तार किया था।

यूपी में एक दर्जन पीएफआई नेता हिरासत में
यूपी एटीएस और यूपी एसटीएफ ने एक संयुक्त अभियान में राज्य भर में छापेमारी में एक दर्जन से अधिक PFI नेताओं को हिरासत में लिया है।

दिल्ली में 30 से अधिक PFI सदस्य हिरासत में
दिल्ली के निजामुद्दीन, शाहीन बाग इलाके सहित दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में PFI से जुड़े स्थानों पर केंद्रीय एजेंसी और दिल्ली पुलिस द्वारा संयुक्त छापेमारी चल रही है। 30 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। सभी से कड़ी पूछताछ की जा रही है। वहीं अब  छापेमारी के मद्देनजर दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने बैठक बुलाई है।

महाराष्ट्र से 40 पीएफआई से जुड़े लोगों को हिरासत में लिया गया
महाराष्ट्र पुलिस के अनुसार पीएफआई से जुड़े करीब 40 लोगों को अब तक औरंगाबाद, सोलापुर, अमरावती, पुणे, ठाणे और मुंबई से हिरासत में लिया गया है। इस पूरे ऑपरेशन को राज्य की स्थानीय पुलिस ने एक केंद्रीय एजेंसी के इनपुट के साथ अंजाम दिया है। सभी पूछताछ जारी है। 

पुणे पुलिस ने SDPI और PFI से जुड़े 6 लोगों को हिरासत में लिया
पुणे पुलिस ने आज सुबह कोंढवा इलाके से एसडीपीआई और पीएफआई से जुड़े 6 लोगों को हिरासत में लिया। अधिक विवरण की प्रतीक्षा है।  

मध्यप्रदेश में भोपाल समेत आठ जिलों में कार्रवाई जारी
मध्यप्रदेश में भी एटीएस ने सोमवार रात भोपाल, उज्जैन, इंदौर समेत आठ जिलों में पीएफआई सदस्यों के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई कर 22 संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया है। एटीएस को इन संदिग्ध लोगों की जानकारी पूर्व में पकड़े गए चार आरोपी लोगों से पूछताछ के बाद मिली है। एटीएस की कार्रवाई अभी जारी है।

गुजरात से 10 लोगों को हिरासत में लिया गया
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के साथ संबंधों को लेकर पूछताछ के लिए गुजरात में कम से कम 10 लोगों को हिरासत में लिया गया है।

बीते गुरुवार को भी 100 से अधिक पीएफआई सदस्यों को हिरासत में लिया गया था
बता दें कि बीते गुरुवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी के नेतृत्व में कई एजेंसियों ने देशभर में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान सौ से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया था। वहीं महाराष्ट्र एटीएस ने राज्य से 20 लोगों को हिरासत में लिया था। 

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया(PFI) क्या है?
पॉपुलर फ्रट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई का गठन 17 फरवरी 2007 को हुआ था। ये संगठन दक्षिण भारत में तीन मुस्लिम संगठनों का विलय करके बना था। इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिथा नीति पसराई शामिल थे। पीएफआई का दावा है कि इस वक्त देश के 23 राज्यों में यह संगठन सक्रिय है। देश में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट यानी सिमी पर बैन लगने के बाद पीएफआई का विस्तार तेजी से हुआ है। कर्नाटक, केरल जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में इस संगठन की काफी पकड़ बताई जाती है। इसकी कई शाखाएं भी हैं। इसमें महिलाओं के लिए- नेशनल वीमेंस फ्रंट और विद्यार्थियों के लिए कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे संगठन शामिल हैं।  यहां तक कि राजनीतिक पार्टियां चुनाव के वक्त एक दूसरे पर मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन पाने के लिए पीएफआई की मदद लेने का भी आरोप लगाती हैं। गठन के बाद से ही पीएफआई पर समाज विरोधी और देश विरोधी गतिविधियां करने के आरोप लगते रहते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here