प्रशांत भूषण ने अनिवार्य टीकाकरण का किया विरोध

केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में उन दलीलों का विरोध किया, जिनमें कहा गया है कि कोरोनावायरस टीकाकरण की अनिवार्यता की वजह से लोग अपनी नौकरियां और राशन तक गंवा रहे हैं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की बेंच से साफ किया कि टीके की अनिवार्यता की वजह से किसी का कुछ नहीं जा रहा है। 

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट कोरोनावायरस वैक्सीन और टीकाकरण की अनिवार्यता को लेकर सोमवार को एक मामले की सुनवाई कर रहा था। यहां याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि कुछ राज्यों और प्राधिकरणों की तरफ से टीकाकरण को अनिवार्य किए जाने की वजह से लोगों की नौकरी जा रही है। उन्होंने कहा कि लोगों के हाथ से राशन छिन रहा है। वे अनिवार्य टीकाकरण की नीति के कारण देश में आजादी से घूम भी नहीं पा रहे हैं। 

हालांकि, इस पर एसजी मेहता ने बेंच से कहा कि याचिकाकर्ता की दलीलें गलत हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि अनिवार्य टीकाकरण की वजह से किसी का कुछ नहीं जा रहा और अब तक कोई भी व्यक्ति नौकरी जाने की शिकायत लेकर कोर्ट के सामने नहीं आया है। 

सुनवाई के दौरान बेंच ने प्रशांत भूषण से पूछा कि क्या वे ऐसे कुछ वाकये बता सकते हैं, जिससे यह साबित हो कि अनिवार्य टीकाकरण से लोगों की नौकरी जा रही है। वरना कोर्ट के लिए यह फैसला करना मुश्किल होगा, क्योंकि नौकरी जाने की कई वजहें हो सकती हैं, जिनका निपटारा हाईकोर्ट कर सकती हैं। बेंच ने कहा कि वह इस मामले पर आखिरी सुनवाई करेगी और फैसला देगी। 

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