केंद्रीय बजट से हिमाचल के लिए रोपवे विकास कार्यक्रम को भी मिलेगा लाभ

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को केंद्रीय बजट 2022-23 पेश किया। बजट में की गई घोषणा से कोविड के चलते हिमाचल के लिए भी समग्र प्रोत्साहन आर्थिक मदद बढ़ेगी। वहीं प्रदेश को रोपवे विकास कार्यक्रम का भी लाभ मिलने की उम्मीद है। बजट में अर्थव्यवस्था में समग्र प्रोत्साहन के लिए राज्यों को सहायता के लिए वर्ष 2022-23 में एक लाख करोड़ रुपये का आवंटन का प्रावधान किया गया है। साथ ही 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जाएगा, जो सामान्य ऋण के अतिरिक्त है। इससे भी हिमाचल को लाभ मिलेगा। वहीं, 2022-23 में राज्यों को जीएसडीपी के चार प्रतिशत का वित्तीय घाटे की अनुमति होगी, जिसका 0.5 प्रतिशत विद्युत क्षेत्र सुधारों में उपयोग किया जाएगा। वहीं, दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में परंपरागत सड़कों के विकल्प जो पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ हों, को वरीयता दी जा रही है। पीपीपी मोड के अंतर्गत एक राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम चलाया जाएगा। इसका उद्देश्य संपर्क में सुधार लाना है और आने-जाने वाले लोगों के लिए सुविधा प्रदान करना है जोकि पर्यावरण को बढ़ावा देने के अलावा है। इसमें सघन आबादी वाले ऐसे शहरी क्षेत्रों को भी शामिल किया जाएगा जहां कि परंपरागत सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था संभव नहीं है। बजट के अनुसार वर्ष 20222-23 में 60 किलोमीटर लंबाई की आठ रोपवे परियोजनाओं के लिए अनुबंध दिए जाएंगे। 

इसी तरह राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी नेशनल पेंशन स्कीम(एनपीएस) में योगदान पर 14 फीसदी टैक्स छूट देने का फैसला किया है। बजट में राज्य सरकार के कर्मचारियों के एनपीएस खाते में नियोक्ता के योगदान पर कर कटौती की सीमा को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है। इससे राज्य सरकार के कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों के समान सुविधा प्रदान करने में मदद मिलेगी। राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा लाभ को बढ़ाने में मदद मिलेगी। वहीं, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वर्ष 2022-23 में 80 लाख घरों को पूरा करने के लिए 48 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए। हर घर, नल से जल के तहत वर्ष 2022-23 में 3.8 करोड़ परिवारों को शामिल करने के लिए 60,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। इन योजनाओं से भी प्रदेश को लाभ मिलेगा। वहीं, बजट में न तो आयकर स्लैब्स बदला गया है और न ही कोई बड़ी छूट दी गई है। हालांकि, करदाताओं को बड़ी राहत के तौर पर दो साल में अपने रिटर्न को अपडेट करने की अनुमति दी है।

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