पटना हाईकोर्ट ने एफआईआर दर्ज न करने पर अधिकारियों को फटकार लगाई

बिहार के चर्चित मुजफ्फरपुर आश्रय गृह कांड के बाद सामने आए पटना के गायघाट आश्रह गृह में यौन उत्पीड़न मामले को पटना हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। मामले में एफआईआर दर्ज न करने पर हाईकोर्ट ने अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई है। इतना ही नहीं कोर्ट ने समाज कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव से जांच कर कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है। 

दरअसल, गायघाट आश्रय गृह की एक पीड़ित लड़की का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इसमें वह इस आश्रय गृह से लड़कियों की सप्लाई का आरोप लगा रही है। पूरे मामले ने राज्य में सियासी बवाल मचा दिया है। 

लड़की ने लगाए कई गंभीर आरोप 
पटना गायघाट स्थित उत्तर रक्षा गृह से निकल भागी एक लड़की ने आश्रय गृह की अधीक्षक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उसका कहना है कि यहां रह रही लड़कियों को नशे का इंजेक्शन देकर अनैतिक कार्यों में धकेला जाता है। जो लड़की इसमें साथ नहीं देती उसे प्रताड़ित किया जाता है और खाना तक नहीं दिया जाता। इस लड़की को लेकर एक संस्था के कुछ लोग पुलिस थाने पहुंचे। अमर उजाला इस वीडियो की सत्यता का दावा नहीं करता है। पटना के महिला थाना में लड़की की ओर से शिकायत की गई है, हालांकि मामले में केस दर्ज नहीं किया गया। 

लड़की ने की थी खुदकुशी की कोशिश
वीडियो में लड़की कह रही है कि रक्षागृह की अधीक्षिका लड़कियों को बाहर भेजती हैं। उनसे अनैतिक कार्य कराया जाता है। रिमांड होम में रहने वाली लड़कियों का शारीरिक-मानसिक शोषण किया जाता है, बाहर के लोग अंदर आते हैं। लड़की यह भी कहती है कि उसने तंग आकर खुदकुशी का प्रयास किया था। वह इन लोगों के खिलाफ लड़ना चाहती थी, लेकिन उसे किसी का साथ नहीं मिला। उसने बताया कि आश्रय गृह में कई बाहरी लोग आकर लड़कियों को ले जाते थे।

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