रेलवे भर्ती को लेकर कमेटी छात्रों से मिलकर उनकी शिकायत और परेशानियों को सुन रही है: राजेश

रेलवे भर्ती में अनियमितता को लेकर बनाई गई कमेटी छात्रों से मिलकर उनकी शिकायत और परेशानियों को सुन रही है। पटना में पूर्व-मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) राजेश कुमार ने कहा कि “रेलवे भर्ती को लेकर कमेटी छात्रों से मिलकर उनकी शिकायत और परेशानियों को सुन रही है। जो छात्र प्रदर्शन में शामिल थे उन पर एफआईआर के आधार पर कार्रवाई नहीं होगी बल्कि जांच में आरोपी पाए जाने वाले छात्रों पर ही कार्रवाई होगी।”

छात्र संगठनों ने किया था बिहार बंद
रेलवे भर्ती बोर्ड की परीक्षा प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं के विरोध में अखिल भारतीय छात्र संघ (आइसा) समेत कई छात्र संगठनों ने 28 जनवरी पूरे बिहार में बंद को अंजाम दिया था। महागठबंधन में शामिल सभी विपक्षी दलों ने इस बंद को समर्थन दिया था।

महागठबंधन के नेताओं ने राजद के प्रदेश मुख्यालय में संयुक्त रूप से संवाददाताओं को संबोधित करते हुए आरोप लगाया था कि ‘केंद्र की राजग सरकार को उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों की ज्यादा चिंता है, न कि प्रदर्शनकारी छात्रों के भविष्य की।’ उन्होंने मांग की थी कि राज्य पुलिस द्वारा छात्रों या कोचिंग संस्थानों के खिलाफ दर्ज सभी मामले तुरंत वापस लिए जाने चाहिए।

छह कोचिंग संचालकों के खिलाफ दर्ज हुई थी एफआईआर
दरअसल, 24 जनवरी को राजेंद्रनगर ट्रैक को जाम करने तथा उत्पन्न विधि व्यवस्था से निपटने के दौरान चार अभ्यार्थियों को हिरासत मे लिया गया था। उन चार अभ्यर्थियों ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि उन्हें कोचिंग संचालकों, प्रतिनिधियों के द्वारा यहां पर आने के लिए मार्गदर्शन किया गया है तथा उनका नाम भी बताया। पुलिस द्वारा सोशल मीडिया से वीडियो फुटेज भी प्राप्त किए गए। इन सबके बाद इस मामले में छह कोचिंग संचालकों, प्रतिनिधियों के विरुद्ध पत्रकार नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

पूछताछ के दौरान हिरासत में लिए गए अभ्यर्थियों के द्वारा जिन व्यक्तियों का नाम लिया गया था और प्राथमिकी दर्ज की गई उनमें खान सर, एसके झा सर, नवीन सर, अमरनाथ सर, गगन प्रताप सर और गोपाल वर्मा सर शामिल हैं। 

इन मुद्दों को लेकर शुरू हुआ था प्रदर्शन
राज्य में विरोध प्रदर्शन तब शुरू हुआ जब कई छात्रों ने दावा किया कि आरआरबी भर्ती प्रक्रिया में विसंगतियां थीं। आरआरबी गैर-तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों (एनटीपीसी) के लिए दो कंप्यूटर-आधारित परीक्षण (सीबीटी) आयोजित करने के सरकार के फैसले ने राज्य भर में हजारों छात्रों को परेशान किया, जो एक ही परीक्षा चाहते हैं।

ग्रुप-डी नौकरियों के लिए सीबीटी-I के परिणाम 14 जनवरी को जारी किए गए थे, जिसमें सीबीटी-द्वितीय के लिए उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया गया था। प्रदर्शनकारियों ने दावा किया था कि भर्ती के लिए इस मानदंड को आवेदकों को आमंत्रित करने वाले प्रारंभिक आरआरबी नोटिस में स्पष्ट किया गया था। उन्होंने कहा कि नोटिस में केवल एक परीक्षा की बात कही गई है।

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