हिमाचल प्रदेश में दो दिन भारी बर्फबारी के बाद आज मौसम तो खुल गया है लेकिन दुश्वारियां बढ़ गई हैं। छह जिलों में भारी बर्फबारी से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। शनिवार सुबह राजधानी शिमला का सड़क संपर्क अन्य भागों से कटा रहा। बर्फबारी वाले ग्रामीण व दूरदराज भागों में बिजली आपूर्ति ठप है। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार शनिवार सुबह प्रदेश में तीन नेशनल हाईवे, एक स्टेट हाईवे समेत 754 सड़कों पर आवाजाही ठप थी। वहीं, प्रदेश में 2442 बिजली ट्रांसफार्मर प्रभावित बंद हैं।
196 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित चल रही हैं। निजी और सरकारी 550 से ज्यादा बस रूट ठप हैं। हालांकि, कालका- शिमला रेल सेवा नियमित रूप से चल रही है। सबसे ज्यादा 303 सड़कें शिमला जिले में ठप हैं। मंडी में 100, लाहौल-स्पीति 119, कुल्लू 96 और चंबा में 88 सड़कें अवरुद्ध हैं। पहाड़ों में हुई भारी बर्फबारी के बाद सासे ने पूरे हिमालय क्षेत्र में हिमखंड गिरने की चेतावनी जारी की है। लोक निर्माण विभाग, एनएच प्राधिकरण, बिजली बोर्ड, जल शक्ति विभाग व बीआरओ की ओर से बंद सड़कों, पेयजल व बिजली आपूर्ति की बहाली का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है।

वीकेंड पर आए हजारों लोग शिमला, डलहौजी, मनाली समेत अन्य क्षेत्रों में होटलों में फंसे हैं। अस्पताल या जरूरी काम के लिए ही लोग पैदल निकल रहे हैं। ऊपरी इलाकों में तो पांच फीट तक बर्फबारी हो चुकी है। लोग घरों में कैद रहने के लिए मजबूर है।

बर्फबारी के 24 घंटे बाद भी राजधानी शिमला का कई बाहरी क्षेत्रों से सड़क संपर्क ठप पड़ा है। सुबह शिमला चंडीगढ़, शिमला मंडी, और शिमला रामपुर हाईवे बंद रहा। शिमला शहर की अधिकतर मुख्य सड़कों पर वाहनों की आवाजाही के लिए बहाल नहीं हो पाई है। बर्फ से फिसलन की वजह से मुश्किलें बढ़ गई हैं।

सुबह लोग पैदल ही अपने गंतव्य तक पहुंचे। राजधानी में ज्यादातर उपनगरों में सड़कें और पैदल रास्ते बंद होने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। सड़कों पर कोहरा जमने से अब बर्फ हटाने के काम में भी परेशानी आ रही है।

वाहनों की आवाजाही ठप होने से शिमला शहर में सुबह दूध, ब्रेड व अन्य दैनिक जरूरत से संबंधित वस्तुओं की आपूर्ति नहीं हो पाई। दूध के ट्रक शोघी में ही फंसे रहे। बाहर से शिमला लौट रहे लोग 15 से 20 किलोमीटर पैदल चलकर शहर में पहुंचे।

कई जगह अभी भी सड़कों पर पेड़ गिरे पड़े हैं। वन विभाग ने शनिवार को भी शहर में पेड़ ढहने की आशंका जताते हुए अलर्ट रहने को कहा है। बर्फबारी से शहर में 20 से ज्यादा पेड़ गिर चुके हैं।

शनिवार सुबह भी कई जगह पेड़ गिरे हैं। घरों, बिजली तारों और गाड़ियों पर गिरे इन पेड़ों से भारी नुकसान हुआ है। विकासनगर में कार पर पेड़ गिर गया। इससे कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। भराड़ी में भी सड़क पर देवदार का पेड़ गिर गया।

इसी तरह भुंतर-मणिकर्ण के चोज नामक जगह पर शुक्रवार रात को एक विशालकाय पेड़ गिरने से एक कार क्षतिग्रस्त हो गई है। मार्ग रात 10 बजे से अवरूद्ध हुआ और दोनों तरफ स्थानीय लोगों के साथ कई पर्यटक वाहन फंसे रहे।

प्रदेश के मंडी जिले के ऊंचाई वाले भागों में बर्फबारी से दुश्वारियां बढ़ गई हैं। लेकिन दुर्गम परिस्थितियों में बिजली बोर्ड के कर्मचारी सराज में विद्युत आपूर्ति को बहाल करने में जुटे हैं।

भारी बर्फबारी के चलते जिला किन्नौर, ऊपरी शिमला और आउटर सिराज में जनजीवन बेपटरी है। एनएच पांच, जलोड़ी-जोत एनएच 305 पर तीसरे दिन ठप है। अधिकांश ग्रामीण रूटों पर भी यातायात ठप है।

बर्फबारी से सिरमौर जिले में दो दर्जन सड़कें बंद हैं। 40 पंचायतों में बिजली आपूर्ति ठप है। लोक निर्माण विभाग गिरिपार क्षेत्र की बंद पड़ी सड़कों को बहाल करने में जुटा है। चंबा में भी बर्फबारी से दुश्वारियां बढ़ गई हैं।

जिला कुल्लू और लाहौल में भारी बर्फबारी के बाद मौसम खुल गया है लेकिन दुश्वारियां बरकरार है। कुल्लू में 74 और लाहौल 100 से अधिक सड़कों पर यातायात ठप है। बीआरओ ने मनाली-केलांग मार्ग बहाली का काम शुरू किया है। वहीं जिले के 150 गांवों में तीसरे दिन भी अंधेरा छाया रहा।

जिले के 500 गांवों में बर्फबारी से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। इनका संपर्क एक-दूसरे गांव के साथ उपमंडल व जिला मुख्यालय से भी कट गया है। निगम की आधा दर्जन बसें जगह-जगह फंसी हैं। हिमखंड गिरने का भी खतरा बढ़ गया है।

न्यूनतम तापमान
केलांग में न्यूनतम तापमान -12.5, शिमला -2, सुंदरनगर 2.3, भुंतर 2.6, कल्पा -7.0, धर्मशाला 3.3, ऊना 4.0, नाहन 4.8, पामलपुर 0.0, सोलन 0.7, मनाली -4.4 , कांगड़ा 3.6, मंडी 3.3, बिलासपुर 4.0, हमीरपुर 3.8, चंबा 1.8 डलहौजी -1.8, कुफरी -4.2, जुब्बड़हट्टी -0.1 और पांवटा साहिब में 4.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बीते 24 घंटे के दौरान कुफरी में 60, चौपाल 45.7, और 32.6 सेंटीमीटर बर्फबारी दर्ज की गई।