मुजफ्फरनगर। राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने प्रदेश सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब क्रूर शासक हो जाते हैं, जो जनता की सुनवाई नहीं करते। इन सरकारों को मजबूत सरकार नहीं कह सकते। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गर्मी निकालने वाले बयान पर गरजते हुए कहा कि चुनाव के बाद योगी बाबा को पहाड़ों पर भेज देना, जहां उन्हें ठंडक मिल जायेगी। पुरकाजी विधानसभा क्षेत्र के गांव मुस्तफाबाद पचेंडा स्थित जनता इंटर कॉलेज के मैदान में सपा-रालोद गठबंधन प्रत्याशी अनिल कुमार के समर्थन आयोजित जनसभा में बोलते हुए जयंत चौधरी ने कहा कि मैं आपको चेताने आपके बीच आया हूं। आपने आंदोलन किया, सरकार कानून ने कानून वापस लिये, आप घर लौट गये। उसके बाद जो हल निकालने थे, समाधान निकालने थे, उस कोई काम अभी हुआ नहीं है लेकिन फिर जब किसान वापस लौटे तो घर वालों को यही कहा गया कि हम जीत कर आये। यह हमारी मजबूरियां था। उन्होंने कहा कि मैं आपको चेताना चाहता हूं कि अब राजनैतिक फैसला की घडी आ गई है। अब वोट से चोट देने का वक्त आ गया है। अगर किसी कारण से आप कमजोर फैसला लेंगे, तो परिस्थिति ऐसी बन जायेगी। उसके परिणाम घातक होंगे। आने वाले समय में कोई कभी-भी दूसरों के अधिकार के लिये समाज की बात को लेकर जनआंदोलन कर पायेगा, हिम्मत नहीं बचेगी और उस वक्त देश का किसान हार जायेगा, आपकी हार नहीं होगी, देश के किसान की हार होगी। हार ही नहीं होगी, हाय निकलेगी। जयंत चौधरी ने कहा कि आज भी देश का किसान उम्मीद के साथ यह सोचे बैठा है कि मुजफ्फरनगर की जनता, उत्तर प्रदेश की जनता कुछ ऐसा फैसला लेगी कि किसानों की राजनीति मजबूत होगी और किसान अकेले नहीं है। किसानों का दायरा भी बढ़ गया है। उस आंदोलन के माध्यम से गांव का हर किसान, हर एक गरीब वर्ग साथ है। उनका बड़ा योगदान था। शहर में भी मध्यम वर्ग का रहने वाला व्यक्ति, छोटा व्यापारियों को भी इसका अहसास था कि उनके साथ ज्यादती हो रही है। उन्होंने कहा कि सबको मालूम है कि जब क्रूर शासक हो जाते हैं, जो जनता की सुनवाई नहीं करते। इन सरकारों को मजबूत सरकार नहीं कह सकते। मजबूत सरकार वो होती है, जहां जनता की सुनवाई हो, जहां पर जनता की इच्छा के अनुरूप काम हो। जयंत चौधरी ने कहा कि कभी-कभी गलती हो जाती हैं, उन कमियों को भी सरकार ने स्वीकार नहीं की। इसके लिये एक दिल होना चाहिए, एक कदम पीछे भी लेना पडता है। उन्होंने कहा कि चौधरी अजित सिंह के रहते हुए आपने और हमने बड़े आंदोलन किये। उन्होंने कहा कि आपने हमेशा जब-जब चौधरी साहब ने आह्वान किया आप उनके आगे चलते थे। पूर्व की सरकारों में आपका दबदबा भी था, भले ही हम विपक्ष में हो। उन्होंने कहा कि जब 2009 में जब केन्द्र की सरकार एफआरबी का कानून लाई थी। उस कानून के तहत उन्होंने यह प्रावधान किया था कि अगर कोई राज्य की सरकार गन्ने का मूल्य केन्द्र सरकार द्वारा घोषित भाव से ज्यादा देगी तो सरकारी खजाने से वह पैसा जायेगा। कोई निजी मालिक पैसे देने के लिये बाध्य नहीं होगा और उस समय उस बात को चौधरी साहब ने समझा कि अगर यह कानून बन गये तो राज्य की सरकार कभी भी एफआरपी से ज्यादा नहीं देगी। उन्होंने कहा कि इसके बाद चौधरी साहब ने आह्वान किया था और आप इक_ा हुए थे, जिसके चार घंटे बाद ही सरकार मान गई थी। उन्होंने कहा कि क्या वह सरकार कमजोर थी। चौधरी जयंत सिंह ने कहा कि जब पहले मुख्यमंत्री आते थे तो बड़ी खुशी होती थी। लोगों में उत्सुकता होती थी कि मुख्यमंत्री आ रहे है क्षेत्र का कुछ देकर जायेंगे, कुछ अच्छे बात बोलकर जायेंगे। उन्होंने कहा कि लेकिन हमारे नसीब में लिखे बाबा मुख्यमंत्री जी सिर्फ उंगली चलाना जानते हैं, धमकाना जानते हैं, गाली-गलौच करना जानते हैं और भड़काना जानते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें मुजफ्फरनगर और कैराना से तो बिल्कुल भी उम्मीद नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आप तो 20 प्रतिशत में हो गये, आप तो ज्यादा गर्म हो गये। उन्होंने कहा कि अगर हम गर्म ना होते तो देश आजाद होने वाला नहीं था। जयंत चौधरी ने कहा कि हम गर्म थे, हम गर्म हैं और गर्म रहेंगे। उन्होंने कहा कि बाबा को पहाड़ों में भेज देना, जहां पर ठंडक मिलेगी।
जनसभा की अध्यक्षता रालोद जिलाध्यक्ष प्रभात तोमर व संचालन विनोद मेघाखेडी ने किया। इस अवसर पर गठबंधन प्रत्याशी अनिल कुमार, राकेश शर्मा, संजीव मुन्नू, रामनिवास पाल, गौरव जैन, युधिष्ठर पहलवान आदि ने भी विचार व्यक्त किये।