हरिद्वार जिले की सबसे हॉट सीट हरिद्वार शहर भाजपा और कांग्रेस के मुकाबले में फंसी है। यहां से लगातार चार बार के विधायक एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक फिर मैदान में हैं। प्रदेश में सर्वाधिक वोटों से जीतने का रिकॉर्ड भी उनके नाम दर्ज है। पांचवीं बार उनका विजय रथ रोकने के लिए कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंकी है। कांग्रेस से सतपाल ब्रह्मचारी चुनावी रण में हैं। आम आदमी पार्टी और सपा प्रत्याशी दोनों प्रमुख दलों का खेल बिगाड़ने की कोशिश में हैं।
हरिद्वार शहर हिंदू बाहुल्य सीट है। आजादी के बाद से अब तक पांच बार कांग्रेस विजयी रही तो छह बार भगवा लहराया है। अलग राज्य बनने के बाद मौजूदा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का कब्जा है। हिंदू वोटरों और अपनी मजबूत टीम की बदौलत कौशिक ने लगातार चार बार विधायक बनने का रिकॉर्ड भी अपने नाम दर्ज कराया है।
हर चुनाव में उनका मत प्रतिशत भी बढ़ा है, लेकिन इस बार कांग्रेस के सतपाल ब्रह्मचारी उन्हें चुनौती दे रहे हैं। ब्रह्मचारी संत समाज से जुड़े और पूर्व पालिकाध्यक्ष रहे हैं। यहां कांग्रेस की तुलना में भाजपा का संगठन काफी मजबूत माना जाता है। मदन कौशिक को हर चुनाव में इसका लाभ मिला है। जबकि, कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के गुटों में बंटी नजर आती है।
परिवर्तन यात्रा से लेकर टिकट की दावेदारी की होड़ में गुटबाजी साफ झलकी। ऐसे में कांग्रेस को मदन कौशिक के किले में सेंध लगाने के लिए डैमेज कंट्रोल कर एकजुटता से चुनाव लड़ना होगा। सपा से डॉ. सरिता अग्रवाल और आम आदमी पार्टी से संजय सैनी मैदान में हैं। आप पहली बार चुनाव लड़ रही है। दोनों प्रत्याशी कौशिक और ब्रह्मचारी का समीकरण बिगाड़ सकते हैं। हरिद्वार का मतदाता खामोश है।
डोर टू डोर जनसंपर्क में मदन कौशिक के हाथ जोड़ रहा है तो संत ब्रह्मचारी के पैर भी छू रहा है। मतदाता की इस खामोशी से चुनावी माहौल को भांपना मुश्किल हो रहा है। गली-मोहल्लों से लेकर चाय-पान के खोमचों के बाहर बैठकर हर कोई कांटे के मुकाबले की चर्चा जरूर कर रहा है। मुकाबले में कौन मैदान मारता है, यह तो 14 फरवरी के मतदान से तय होगा, लेकिन तब तक मदन कौशिक और सतपाल ब्रह्मचारी की नींद जरूर उड़ी है।
मतदाता
कुल – 148718
महिला – 68045
पुरुष – 80673
स्थानीय मुद्दे
नशा प्रमुख मुद्दा है। पार्किंग की समुचित व्यवस्था नहीं है। सिडकुल के कारखानों में 70 फीसदी स्थानीय युवाओं को रोजगार भी मुद्दा बन रहा है।
संक्षिप्त इतिहास
हरिद्वार सीट 1952 में अस्तित्व में आई। राज्य गठन के बाद से मदन कौशिक लगातार चौथी बार विधायक हैं। पांचवीं बार मैदान में हैं।
हरिद्वार में हर क्षेत्र का विकास हुआ है। गंगा घाटों का सौंदर्यीरकण हुआ है। गैस, बिजली की भूमिगत सप्लाई शुरू कराई गई। हाईवे से फ्लाईओवर और आंतरिक सड़कों का जाल बिछाया है।
-मदन कौशिक, भाजपा प्रत्याशी
बीस साल से मदन कौशिक विधायक हैं। क्षेत्र का विकास कितना हुआ और कहां हुआ, जनता जानती है। नशे के अवैध कारोबार पर रोक नहीं लग सकी।
-सतपाल ब्रह्मचारी, कांग्रेस प्रत्याशी
भाजपा और कांग्रेस दोनों ने जनता को अपने स्वार्थ के लिए इस्तेमाल किया है। जनता को आप तीसरा विकल्प मिली है। प्रदेश और हरिद्वार के हालात बदलेंगे।