छत्तीसगढ़ सरकार दिल्ली और रायपुर में बस्तर कैफ़े खोलेगी

उग्रवाद प्रभावित राज्य छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके में पैदा की जा रही कॉफी का स्वाद अब राजधानी दिल्ली और रायपुर के लोग भी ले सकेंगे। सीएम भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार इसकी तैयारी में लगी है। बस्तर में पैदा की जा रही इस कॉफी की बिक्री-सह विपणन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार इन दोनों शहरों में बस्तर कैफे खोलने जा रही है। छत्तीसगढ़ के कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रवींद्र चौबे की अध्यक्षता में हुई छत्तीसगढ़ चाय-कॉफी बोर्ड की बैठक में इसे लेकर निर्णय लिया गया।

निजी कंपनियों के साथ सरकार करेगी एमओयू पर साइन
इस निर्णय के बारे में अधिकारियों ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा, “जल्द ही बस्तर कैफे, जो वर्तमान में छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में चालू है, रायपुर और दिल्ली में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने जा रहा है।” इसका उद्देश्य बस्तर में पैदा की जा रही कॉफी की बिक्री और विपणन को बढ़ाया जा सके। अधिकारियों ने बताया कि  बस्तर में उत्पादित कॉफी के विपणन के लिए सरकार निजी कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने जा रही है।

बैठक के दौरान कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रवींद्र चौबे ने अधिकारियों से सर्वे करने और प्रोजेक्ट तैयार करने का निर्देश दिया है। उन्होंने डीएमएफ (जिला खनिज फाउंडेशन) फंड के माध्यम से कटी हुई कॉफी बीन्स के प्रसंस्करण के लिए एक मशीन की स्थापना सुनिश्चित करने का भी आश्वासन दिया।

राहुल गांधी ने दिया था सुझाव
3 फरवरी को रायपुर दौरे के दौरान , कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बस्तर कैफे को एक अंतरराष्ट्रीय ब्रांड बनाने का सुझाव दिया था। जिसपर अमल करते हुए राज्य सरकार ने काम भी शुरू कर दिया है। राहुल गांधी छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति की आधारशिला रखने और ग्रामीण क्षेत्र के भूमिहीन मजदूरों के लिए राज्य सरकार की वित्तीय सहायता योजना शुरू करने के लिए रायपुर आए थे।
बस्तर में होगी 5,108 एकड़ में कॉफी की खेती 
बता दें कि बस्तर दरभा क्षेत्र में 20 एकड़ भूमि में किए गए कॉफी बागान से उत्पादन शुरू कर दिया गया है। पहले चरण में आठ क्विंटल कॉफी की कटाई की गई है और उपज का उपयोग बस्तर कैफे में किया जा रहा है. इस कैफे में एक दिन में दो किलो कॉफी की खपत हो रही है। वर्ष 2021 में दरभा में 55 एकड़ भूमि पर कॉफी का पौधारोपण किया गया। प्रस्तावित योजना के तहत बस्तर जिले में कुल 5,108 एकड़ में कॉफी की खेती की जाएगी। कृषि महाविद्यालय जगदलपुर द्वारा 245 एकड़ भूमि में कॉफी बागान की तैयारी पूरी कर ली गई है।

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