उत्तर प्रदेश के सात चरणों का चुनाव संपन्न हो गया है. अब हर किसी को 10 मार्च को रिजल्ट का इंतजार है. लेकिन रिजल्ट से पहले ही सपा नेता आजम खान के लिए एक अच्छी खबर आई है. आजम खान को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जमीन हड़पने के एक मामले में जमानत दे दी है. हालांकि उन्हें सिर्फ एक ही मुकदमे में जमानत मिली है. इसलिए उन्हें अभी भी कई रातें जेल में गुजारनी पड़ेंगी. दो अन्य मुकदमों में उनके खिलाफ फैसला सुरक्षित है. आजम खान वर्तमान में सीतापुर जेल में बंद हैं.
बता दें कि आजम खान 2012 में समाजवादी पार्टी से मंत्री रह चुके हैं. रामपुर विधानसभा सीट से उन्हें एक बार फिर समाजवादी पार्टी ने चुनाव मैदान में उतारा है. रामपुर विधानसभा सीट से वह अब तक 9 बार विधायक बन चुके हैं. पहली बार 1980 में आजम खान को जनता ने विधायक बनाया था.
बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में रामपुर से छह प्रत्याशी मैदान में थे. सपा के आजम खान 102,100 वोट पाकर जीते थी. वहीं बीजेपी के शिव बहादुर सक्सेना 55,258 मतों के साथ दूसरे स्थान पर थे. डॉ. तनवीर अहमद खान बसपा से थे और उन्हें 54,248 मत मिले थे.
दो साल से जेल में हैं आजम खान
आजम खान को 26 फरवरी को जेल गए दो साल हो चुके हैं. 2020 में उन्होंने कोर्ट में सरेंडर किया था, जिसके बाद से ही वह जेल में बंद हैं. चुनाव के दौरान उन्होंने जमानत मांगी थी, लेकिन उन्हें बेल नहीं मिली. हालांकि उनके बेटे अब्दुल्ला और उनकी पत्नी तजीन फातिमा को जमानत मिल चुकी है. अब्दुल्ला आजम को चुनाव से कुछ समय पहले जमानत मिली थी. स्वार विधानसभा से अब्दुल्ला सपा प्रत्याशी हैं. आजम खान ने चुनाव लड़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट से जमानत मांगी थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आजम को झटका दिया था और उन्हें हाई कोर्ट जाने को कहा था, जिसके बाद उन्होंने अपनी याचिका वापस ले ली थी.
आजम के बेटे अब्दुल्ला ने हाल ही में यूक्रेन से छात्रों को रेस्क्यू के लिए चल रहे ऑपरेशन गंगा पर सवाल उठाए थे. अब्दुल्ला ने कहा था कि रेस्क्यू करने से ज्यादा पब्लिसिटी की जा रही है.