प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डा जितेन्द्र सिंह ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में 370 हटने से स्वार्थी राजनीति करते आए दलों के नेता छटपटा रहे हैं। परेशान होने वाले नेता वही लाेग हैं जिन्होेंने 370 की आड़ में लोगों को अंधेरे में रखा, सियासी फायदे के लिए आतंकवाद को फलने-फूलने दिया व 5-10 प्रतिशत मतदान से सरकारें बनाई।
संसद में गत सोमवार को जम्मू-कश्मीर के बजट पर चर्चा के दौरान बहस के दौरान विपक्षी दलों के सवाल उठाने पर पलटवार करते हुए डा जितेन्द्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस को अगर 370 हटने से इतनी ही दिक्कत है तो पार्टी संसद में बयान दे कि सत्ता में आने पर वह इसे बहाल करेगी। उन्होंने कहा कि नेहरू ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी से संसद में कहा था कि 370 घिसते-घिसते घिस जाएगी।
यह सत्तर साल भी नही घिसी लेकिन हम विश्वास दिलाते हैं कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल होेने में इतना समय नही लगेगा। संसद में हाल में रिलीज हुई फिल्म ‘कश्मीर फाइल्स’ भी चर्चा में आई।
डा जितेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रदेश में नेहरू की खामियों के कारण आतंकवाद पनपा। कश्मीरी पंडितों को अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि वह जब तक नेहरू को निशाना बनाते रहेंगे जब तक जम्मू-कश्मीर के लोग उनकी गल्तियों का खामियाजा भुगतेंगे। अगर नेहरू ने वल्लभ भाई पटेल को जम्मू कश्मीर मामलों से दूर रहने के लिए मजबूर नही किया होता तो आज इतिहास कुछ और ही होता।
इस दौरान कांग्रेस के पलायन के लिए जगमोहन को जिम्मेवार ठहराने के बयाद को डा जितेन्द्र सिंह ने अमनवीय करार दिया। उन्होंने कहा कि पलायन का कारण चुनाव में धांधली, फारूक -राजीव अकार्ड व आतंकवाद को शह देना था। जब वायुसेना के अधिकारी रवि खन्ना को मारा गया तो कोई कार्यवाही नही हुई। टीका लाल टपलू समेत कई पंडित नेताओं को मारा गया। पलायन के लिए एक को एक को मारा हजार को डराओ की नीति जिम्मेवार रही।