मुजफ्फरनगर। भाजपा ने जिला सहकारी बैंक की पूर्व चेयरपर्सन और जिला पंचायत सदस्य वंदना वर्मा को सहारनपुर-मुजफ्फरनगर सीट से एमएलसी प्रत्याशी घोषित किया है। वंदना करीब 20 साल से राजनीति में सक्रिय है। चुनाव में कांटे का मुकाबला होने के आसार बन गए हैं।
विधानसभा चुनाव में बहुमत से सरकार बनने के बाद भाजपा के टिकट पर सबकी निगाह टिकी थी। सपा-रालोद गठबंधन ने मुस्लिम प्रत्याशी आरिफ जौला को मैदान में उतारा तो भाजपा ने जाट कार्ड खेला है। चुनाव में कांटे का मुकाबला होने के आसार बन गए हैं। मंडल की अधिकतर सीटों पर विधानसभा में गठबंधन के प्रत्याशी जीते हैं।
लगातार तीसरी बार जिला पंचायत सदस्य वंदना वर्मा दो दशक से राजनीति में सक्रिय हैं। वह जिला सहकारी बैंक की भी दो बार चेयरमैन रह चुकी हैं। इसके अलावा वह प्रदेश के एक बड़े नौकर शाह रहे शशांक शेखर के भाई मुदित वर्मा की पत्नी है। उनके परिवार के वीरेंद्र कुतुबपुर जानसठ के पूर्व ब्लाक प्रमुख और भाकियू के लंबे समय तक जिलाध्यक्ष रहे हैं।
अध्यक्ष पद की भी रही दावेदार
वंदना वर्मा इससे पहले जिला पंचायत अध्यक्ष पद के टिकट की भी दावेदार रही। लेकिन भाजपा ने एन वक्त पर डॉ. वीरपाल निर्वाल को प्रत्याशी घोषित कर दिया था। इस बार उन्हें टिकट दिया गया है।
वंदना वर्मा ने सिसौली पहुंचकर टिकैत से मुलाकात की
एमएलसी प्रत्याशी बनाई गई वंदना वर्मा ने सिसौली पहुंचकर भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत से मुलाकात की। होली के पर्व पर वंदना वर्मा सिसौली गई थी।
विधानसभा की दावेदारी की थी, मिली एमएलसी की
मुजफ्फरनगर। सपा-रालोद गठबंधन प्रत्याशी मोहम्मद आरिफ जौला ने 2017 में बीएसपी से टिकट मांगा था, उनके नाम की घोषणा भी हो गई थी, लेकिन वह चुनाव नहीं लड़े। जिसके बाद पूर्व सांसद कादिर राना की पत्नी सईदा बेगम को बसपा ने प्रत्याशी बनाया था। इसके बाद से आरिफ सपा से जुड़ गए। आरिफ जौला गांव के मूल निवासी है। चीन निर्मित सामान का दिल्ली में रहकर कारोबार करते हैं।