मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के ‘आइटम’ वाले बयान को लेकर राज्य में सियासत गरमा गई है। नेताओं के बीच जुबानी जंग जारी है। इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व सीएम व कांग्रेस नेता कमलनाथ के खत का जवाब दिया है। शिवराज ने लिखा है, मेरे विचार से आपको अपने बयान के लिए ईमानदारी से माफी मांगनी चाहिए। आप जैसे वरिष्ठ एवं जिम्मेदार पद पर रहे कांग्रेसी नेता का अपनी गलती से बचने और उसकी सफाई में अनावश्यक तर्क देने का रवैया उचित नहीं है।
सीएम शिवराज ने आगे लिखा, कमलनाथ जी, मैं आपसे यही कहना चाहता हूं कि आप मध्यप्रदेश और मध्यप्रदेश के लोगों को प्यार करना सीखिए। भले ही आप राज्य के नहीं हैं, उसके बावजूद भी वे आपको स्वीकार करने की कोशिश कर रहे हैं। आपका भी फर्ज बनता है कि आप राज्य के विकास और यहां की जनता के हित के बारे में सोचें। ऐसा कतई नहीं होना चाहिए कि आप मध्यप्रदेश को सिर्फ लूट खसोट का जरिया बनाएं और अपना और अपने पार्टी के लोगों का स्वार्थ सिद्ध करें। आशा है कि आप अवश्य विचार करेंगे।
इससे पहले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने लिखा कि मुख्यमंत्री शिवराज आप ऐन केन प्रकारेण अपनी कुर्सी बचाने के लिए चुनाव को वास्तविक मुद्दों से भटकाकर अनैतिक और पतित भावनात्मक राजनीति की ओर ले जा रहे हैं। उन्होंने पत्र में लिखा है कि चुनाव जीतने के लिए ‘चुनावी मौन व्रत’ रख कर झूठ परोस रहे हैं।
कमलनाथ ने पत्र में लिखा, डबरा की सभा में अपने संबोधन में मैंने कोई असम्मानजनक टिप्पणी नहीं की फिर भी आपने झूठ परोस दिया और जिस शब्द की ओर आप इंगित कर रहे है, उस शब्द के कई मायने हैं, कई तरह की व्याख्याएं है लेकिन सोच में खोट के मुताबिक आप और आपकी पार्टी अपनी मन मर्जी की व्याख्या कर झूठ परोसने लगे और जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। प्रदेश की जनता इस सच्चाई को जानती है कि आप ऐन केन प्रकारेण अपनी कुर्सी बचाने के लिए चुनाव को वास्तविक मुद्दों से भटकाकर अनैतिक और पतित भावनात्मक राजनीति की ओर ले जा रहे हैं।
कमलनाथ ने आगे लिखा, मैंने अपने 40 वर्ष के सार्वजनिक जीवन में सदैव महिलाओं का सम्मान किया है और मैं सदैव महिलाओं का सम्मान करूंगा परन्तु महिलाओं के सम्मान का दिखावा कर आपकी तरह कुत्सित राजनीति कभी नही करूंगा।