आगरा: रेलवे की कार्रवाई से 13 मकान ध्वस्त बेघर हुए लोगों ने किया कलेक्ट्रेट का घेराव

आगरा में रेलवे प्रशासन ने बुधवार को मोती महल में 13 मकान ध्वस्त किए थे। बेघर हुए लोगों ने बृहस्पतिवार को कलेक्ट्रेट का घेराव किया। कलेक्ट्रेट में सुनवाई नहीं होने पर वे विधायक धर्मपाल सिंह के आवास पर पहुंचे। विधायक ने लोगों के साथ डीएम व डीआरएम से मुलाकात की। रेलवे की कार्रवाई को गलत बताते हुए दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की।

भाजपा विधायक धर्मपाल सिंह ने कहा कि अधिकारियों का रवैया तानाशाहों जैसा है। सरकार विभिन्न योजनाओं में लोगों के लिए आवास बना रही है। लोगों को बेघर करना गलत है। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी और डीआरएम ने आश्वासन दिया है कि समस्या का समाधान नहीं होने तक क्षेत्रीय लोगों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। 

रेलवे ने बुधवार को मोती महल में 13 मकान ध्वस्त किए थे। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि 15 मकान तोड़े गए हैं। जिसके विरोध में लोग बृहस्पतिवार सुबह 10 बजे सपोर्ट इंडिया अध्यक्ष सुरेश चंद सोनी के साथ हाथों में बैनर पोस्टर लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने एडीएम सिटी अंजनी कुमार को ज्ञापन सौंपा। एडीएम सिटी ने उनको डीआरएम से मिलने को कहा। जिसके बाद मोती महल के लोग भाजपा विधायक धर्मपाल सिंह के आवास पर पहुंचे थे

नहीं जले चूल्हे, सड़क पर सोये परिवार

मकान ध्वस्त होने के बाद प्रभावित लोगों के लिए सिर छिपाने के लिए जगह नहीं है। बुधवार रात प्रभावित परिवारों के चूल्हे नहीं जले। बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को सड़क पर रात गुजारनी पड़ी है। पूर्व पार्षद ओम प्रकाश सविता ने बताया कि नरेश कुमार, चंदन लाल, भवानी शंकर, नारायन सिंह, होरीलाल, भोला राम, मोतीलाल के मकान ध्वस्त किए गए हैं। 

मोती महल में बने हैं 2500 मकान

यमुना रेलवे ब्रिज के पीछे बसे मोती महल में 2500 से अधिक मकान बने हैं। अधिकांश मकान नजूल व रेलवे भूमि पर हैं। क्षेत्रीय निवासी शारदा ने कहा कि रेल लाइन से 500 मीटर दूर आबादी हैं। फिर भी रेलवे प्रशासन परेशान कर रहा है। 1978 में आगरा में बाढ़ आने पर वह यहां बसी थीं। तब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी बाढ़ प्रभावितों से मिलने मोती महल क्षेत्र में आईं थीं।

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