प्रतापगढ़। एसडीएम ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह की पिटाई से लालगंज तहसील में तैनात नायब नाजिर सुनील शर्मा की मौत के बाद कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। आरोपी एसडीएम की गिरफ्तारी की मांग को लेकर कर्मचारियों ने सोमवार को प्रदेशभर के कलक्ट्रेट और तहसीलों में तालाबंदी की घोषणा की है। कर्मचारी नेताओं ने जिला प्रशासन को चेताया कि अगर एक सप्ताह के अंदर एसडीएम की गिरफ्तारी और पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा नहीं मिला तो तो कर्मचारी धरना-प्रदर्शन और तालाबंदी करने के लिए विवश होंगे।
कलेक्ट्रेट कर्मचारी मिनिस्ट्रीयल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार त्रिपाठी ने कहा कि एसडीएम अपने मातहत के साथ ऐसा बर्ताव करेंगे, इसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। लोक निर्माण विभाग में पत्रकारों से बात करते हुए प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार त्रिपाठी ने कहा कि यह घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है। एक सक्षम अधिकारी अपने मातहत की लाठी से पीट-पीटकर हत्या कर देता है। उन्होंने कहा ऐेसे व्यक्ति को सेवा में रहने का कोई हक नहीं है।
एसडीएम की गिरफ्तारी तक जारी रहेगा आंदोलन
उन्होंने कहा कि सोमवार को प्रदेश की सभी तहसीलों और कलेक्ट्रेट में तालाबंदी कर कर्मचारी आरोपी एसडीएम की गिरफ्तारी की मांग करेंगे। एक सप्ताह के अंदर अगर आरोपी एसडीएम की गिरफ्तारी और परिजनों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा नहीं मिलता है, तो प्रदेश के सभी कलेक्ट्रेट और तहसीलों में तालाबंदी कर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि साथी के मौत बदला लेकर रहेंगे। इस मौके पर उत्तर प्रदेश मिनिस्ट्रीयल कलक्ट्रेट कर्मचारी संघ के जिला संयोजक सत्येंद्र प्रताप सिंह, सह संयोजक वशिष्ठ कुमार सिंह, तहसील सदर के अध्यक्ष शेखर शरण सिंह, पूर्व अध्यक्ष लाल साहब सिंह, रवि प्रताप सिंह, ज्ञानप्रकाश सरोज, रूपक पांडेय, कुलदीप मिश्रा आदि मौजूद रहे।
मुकदमा दर्ज होने के बाद एसडीएम फरार
नायब नाजिर सुनील शर्मा की हत्या के आरोपी एसडीएम ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह यादव सुल्तानपुर जिले के लंभुआ स्थित दुल्हापुर गांव के मूल निवासी हैं। एसडीएम बनने से पहले वह सीआरपीएफ अलीगढ़ में असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर तैनात थे। पीसीएस 2016 की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वह एसडीएम बने। उनकी पहली पोस्टिंग प्रतापगढ़ में ही हुई। जिले में ट्रेनिंग करने के बाद तीन माह तक वह रानीगंज एसडीएम रहे। इसके बाद लालगंज तहसील में तैनाती मिली थी।
लालगंज तहसील के नायब नाजिर सुनील कुमार शर्मा की मौत के बाद हत्या समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज होने के बाद एसडीएम ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह यादव लापता हो गए हैं। वर्ष 2016 बैच के पीसीएस अधिकारी ज्ञानेंद्र विक्रम प्रांतीय सेवा में आने से पहले अलीगढ़ जिले में सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर तैनात थे। मूलत: सुल्तानपुर जिले के लंभुआ निवासी एसडीएम की जिले को पहली तैनाती मिली थी। साधारण परिवार में जन्म लेने वाले एसडीएम के पिता लंभुआ बाजार में क्लीनिक चलाते हैं। हालांकि उनका परिवार लखनऊ में रहता है।
आरोपी एसडीएम को खोजते रहे कर्मचारी नेता
शनिवार की शाम नायब नाजिर की मौत के बाद आक्रोशित कर्मचारी नेता रविवार को आरोपी एसडीएम को खोजते रहे। शहर स्थित आवास पर जब कुछ पता नहीं चला, तो कर्मचारियों का एक समूह लालगंज पहुंच गया। वहां से एसडीएम के लखनऊ जाने की सूचना पर कर्मचारी नेता लौट आए। साथी की मौत से कर्मचारियों में गहरा आक्रोश है। अधिकारी और नेता सभी एसडीएम के कृत्य की निंदा कर रहे हैं।