उत्तर प्रदेश चुनाव में प्रचंड बहुमत से जीत दर्ज करने के बाद योगी सरकार अब किसानों की जिंदगी बदलने पर जोर दे रही है. राज्य के कृषि सेक्टर के लिए एक प्लान तैयार किया गया है. सीएम योगी ने खुद अधिकारियों और मंत्रियों संग एक अहम बैठक की है जिसमें कई तरह के फैसले हुए हैं. खुद सीएम ने कुछ स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं.
- कृषि सेक्टर को लेकर सीएम योगी ने जो निर्देश दिए हैं वो कुछ इस प्रकार हैं-
- संबंधित हर विभाग को रोजगार सृजन के अवसरों पर फोकस रखना चाहिए. जो योजना प्रारम्भ करें उसे समयबद्ध रूप से संचालित किया जाए.
- 100 दिनों के बाद जनता के सामने हर विभाग को अपने कार्यों का विवरण प्रस्तुत करना होगा.
- जनहित की योजनाओं के लिए धनराशि की कमी नहीं, लेकिन वित्तीय संतुलन जरूरी. मितव्ययिता पर ध्यान दें.
- किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए संकल्पित हैं. आगामी 5 वर्ष के भीतर प्रदेश में ऐसा परिवेश तैयार किया जाए जहां पर्यावरण संवेदनशील कृषि व्यवस्था हो. खाद्यान्न एवं पोषण की सुरक्षा हो.
- आधुनिक कृषि तकनीक एवं पारंपरिक कृषि विज्ञान का अपेक्षित उपयोग किया जाना चाहिए. कृषि शिक्षा और कृषि अनुसंधान को कृषकोन्मुखी और जवाबदेह बनाया जाना चाहिए.
- फसल बीमा योजना के सर्वेक्षण को और सरल किया जाए. किसानों को इस संबंध में जागरूक किया जाए.
- उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति -2017 के अंतर्गत स्वीकृत इकाइयों को अनुदान अंतरण अगले 100 दिन में कर दिया जाए.
- बुनकरों, धागाकरण इकाइयों और सिल्क एक्सचेंज को डिजिटाइज कर एक प्लेटफार्म से जोड़ा जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ बचाव से संबंधित कार्य 15 जून से पहले पूरे करा लिए जाएं। पुराने तटबंधों की मरम्मत भी समय से हो। नहरों के टेल तक पानी पहुंचाने के लिए ठोस प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना के सर्वेक्षण को और सरल किया जाए। किसानों को इस संबंध में जागरूक करें। पीएम किसान योजना में नाम मिस मैच होने की समस्या आ रही है। अभियान चला कर डेटा सुधार किया जाए और अपात्रों से वसूली भी की जाए। 31 मई तक किसानों की ई-केवाईसी पूरी कर ली जाए।