हर लहर में कोरोना उनसे रहा दूर, जिन्होंने बनाई सामाजिक दूरी और मास्क पहना जरूर: सर्वे

एक नए सर्वे में दावा किया गया है कि मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने से भारत में 10 में आठ परिवार कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आने से बच गए। यह सर्वे लोकलसर्किल्स की ओर से कराया गया है। लोकलसर्किल्स को सर्वे के दौरान देश के 345 जिलों के नागरिकों से 29,000 से ज्यादा प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई थीं।

लोकलसर्किल्स ने दावा किया है कि सर्वे के अनुसार पिछले दो वर्षों में 57 फीसदी भारतीय परिवारों में से एक या अधिक व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित हुआ। यह सर्वे ऐसे समय में कराया गया था जब कई राज्यों ने कोरोना वायरस से संबंधित प्रतिबंध हटा चुके थे। 

सर्वे के अनुसार ऐसे 10 में आठ परिवारों ने, जिनका कोई सदस्य पिछले दो वर्षों में कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं हुआ, कहा कि  उन्होंने सामाजिक संपर्क को कम से कम किया और सतर्कता के साथ मास्क पहनने और शारीरिक दूरी के नियम का पालन किया। मास्क व शारीरिक दूरी के नियम ने कोरोना को रोकने में अहम भूमिका निभाई है।

इसमें कहा गया है कि अगर उन लोगों से मिली प्रतिक्रियाओं का विश्लेषण किया जाए जो कोरोना संक्रमित नहीं हुए हैं, 80 फीसदी लोगों ने कहा कि जब कोरोना महामारी की कोई लहर आई तो उन्होंने सामाजिक संपर्क को कम किया और मास्क पहनने और शारीरिक दूरी के नियम का सख्ती के साथ पालन किया। 

33 फीसदी लोग सुरक्षित स्थानों पर ही अन्य लोगों से मिले
इस सर्वे में कहा गया है कि 33 फीसदी लोगों ने कहा कि वह या तो लोगों से सिर्फ घर से बाहर मिले। इसके अलावा अगर उन्हें किसी परिस्थिति में लोगों से घर के अंदर मिलना पड़ा तो उन्होंने सुनिश्चित किया कि वहां हवा के आने-जाने की अच्छी व्यवस्था है। इस सर्वे में शामिल होने वाले लोगों में 61 फीसदी पुरुष थे और 39 फीसदी महिलाएं थीं।

74 फीसदी परिवारों ने कहा- नियम मानकर बच सकते थे
इसमें हिस्सा लेने वाले ऐसे 74 फीसदी परिवारों ने, जिनका एक या या अधिक सदस्य कोरोना संक्रमित हुए थे, कहा कि वह सामाजिक संपर्क को कम करके और मास्क पहनकर संक्रमण से बच सकते थे। सर्वे में कहा गया है कि कोरोना वायरस महामारी की सभी लहरों में मास्क पहनना और शारीरिक दूरी के नियम का पालन करना प्रभावी रहा है।

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