पंजाब : बब्बर खालसा का मोस्ट वांटेड आतंकी पटियालवी गिरफ्तार

पंजाब पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) को रविवार को बड़ी सफलता हाथ लगी है. AGTF की टीम ने मोस्ट वांटेड आतंकवादी चरणजीत सिंह उर्फ ​​पटियालावी को गिरफ्तार किया है. ये आतंकी मॉड्यूल बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) गिरोह का सक्रिय सदस्य रहा है. पुलिस का कहना है कि बीते 12 साल से पटियालवी पहचान छिपाकर ठिकाने बदलता रहा है.

बता दें कि पंजाब सरकार ने हाल ही में गैंगस्टरों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने के लिए ADGP प्रमोद बान की अध्यक्षता AGTF का गठन किया है. इसकी मॉनिटरिंग खुद पंजाब के डीजीपी वीके भवरा कर रहे हैं. पुलिस के मुताबिक, जब चरणजीत उर्फ पटियालवी को पकड़ा गया तो वह एक गुरुद्वारे में ग्रंथी के रूप में रह रहा था.

2010 में विस्फोटक अधिनियम में केस के बाद भगोड़ा

एजीटीएफ के DIG गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया कि पटियाला के बुट्टा सिंह वाला गांव में रहने वाले आरोपी चरणजीत पटियालवी पर 23 जुलाई 2010 में विस्फोटक अधिनियम की धारा 4/5 के तहत एक केस दर्ज किया गया. बाद में पुलिस स्टेशन मच्छीवाड़ा में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की धारा 17/18/20 के तहत भगोड़ा घोषित किया गया था. इसके बाद से वह फरार चल रहा था. हालांकि, पटियालावी के अन्य सहयोगी बुट्टा सिंह वाला गांव के आतंकवादी गुरमेल सिंह बोबा को इस मामले में डेटोनेटर और आरडीएक्स के साथ गिरफ्तार किया गया था. फिलहाल, गुरमेल की मौत हो चुकी है.

डेरा बस्सी में पकड़ा गया

डीआईजी ने बताया कि विश्वसनीय सूचना के बाद एजीटीएफ विंग के एआईजी गुरमीत सिंह चौहान और डीएसपी बिक्रमजीत सिंह बराड़ के नेतृत्व में AGTF की टीमों ने डेरा बस्सी के लाली गांव में छापा मारा और गुरुद्वारा साहिब के पास से आतंकी पटियालवी को गिरफ्तार किया है.

पश्चिम बंगाल के अलग-अलग पहचान पत्र मिले

भुल्लर ने कहा- पटियालावी वर्तमान में पश्चिम बंगाल के खड़गपुर के गुरुद्वारा साहिब में एक ग्रंथी के रूप में रह रहा था और कोई मोबाइल फोन वगैरह भी इस्तेमाल नहीं करता था. उसके पास से पश्चिम बंगाल के पते पर अलग-अलग पहचान पत्र बरामद किए गए हैं. भुल्लर का कहना था कि आगे जांच चल रही है. आतंकी से पूछताछ में महत्वपूर्ण सुराग हाथ लग सकते हैं. पुलिस को अन्य गिरफ्तारियां होने की भी उम्मीद है.

इन केसों में शामिल होना पाया गया था

चरणजीत उर्फ ​​पटियालावी BKI आतंकवादी मॉड्यूल का सक्रिय सदस्य था. पंजाब पुलिस ने 2007 के शिंगार सिनेमा लुधियाना बम विस्फोटों (Shingar Cinema Ludhiana bomb blasts) और 2010 में पटियाला के काली माता मंदिर और अंबाला में विस्फोटों में शामिल होना पाया था. पंजाब पुलिस ने इस घटनाक्रमों का 2010 में भंडाफोड़ किया था. पटियालावी के अन्य सभी सहयोगियों को पंजाब पुलिस ने 2010 में ही गिरफ्तार कर लिया था.

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