राजस्थान: नौ साल बाद कांग्रेस ने आयोजित किया चिंतन शिविर

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राजस्थान के उदयपुर में 13 मई से 15 मई तक होने वाले ‘चिंतन शिविर’ में किसानों और कृषि, युवा और बेरोजगारी, संगठनात्मक मामलों, सामाजिक न्याय और अधिकारिता, अर्थव्यवस्था और राजनीतिक मामलों सहित छह एजेंडा पर चर्चा के लिए छह अलग-अलग समितियों का गठन किया है। मल्लिकार्जुन खड़गे, सलमान खुर्शीद, पी चिदंबरम, मुकुल वासनिक, भूपिंदर सिंह हुड्डा और अमरिंदर सिंह वारिंग 6 अलग-अलग समितियों के संयोजक होंगे। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आज संवाददाताओं से कहा कि ‘चिंतन शिविर’ के दौरान देश भर के पार्टी नेता इसके सामने आने वाले आंतरिक मुद्दों पर चर्चा करेंगे और संगठन को मजबूत करने में मदद करने के लिए समाधान सुझाएंगे और इसे अगले दौर के चुनावों में भाजपा से मुकाबला करने के लिए उपयुक्त बनाएंगे। 

यह पूछे जाने पर कि क्या किशोर को पार्टी में शामिल करने पर कोई फैसला हुआ है, सुरजेवाला ने सीधा जवाब नहीं दिया, और केवल इतना कहा, “जब भी समूह (‘एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप-2024’) का गठन किया जाता है, तो आपको पता चल जाएगा कि इसका हिस्सा कौन है। किशोर द्वारा प्रस्तुत योजना सहित अगले आम और विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस की रणनीति तैयार करने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में निर्णय लिए गए। लगातार हो रही हार के मद्देनजर कांग्रेस आगामी चुनावों के लिए अपनी रणनीति विकसित करने के लिए संघर्ष कर रही है।

सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष को 21 अप्रैल को आठ सदस्यीय समूह से एक रिपोर्ट मिली। आज उन्होंने समूह के साथ रिपोर्ट पर चर्चा की और उसके आधार पर कांग्रेस अध्यक्ष ने एक ‘एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप-2024’ का गठन करने का फैसला किया है। बैठक सोनिया गांधी के 10, जनपथ आवास पर बुलाई गई, जहां प्रियंका गांधी वाड्रा, अंबिका सोनी, के सी वेणुगोपाल, सुरजेवाला, मुकुल वासनिक, दिग्विजय सिंह, जयराम रमेश और पी चिदंबरम सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता उपस्थित थे। बता दें कि  नौ साल पहले भी कांग्रेस का चिंतन शिविर राजस्थान में आयोजित किया गया था। इसी तरह का चिंतन शिविर साल 2013 में जयपुर हुआ था। उस वक्त शिविर में साल 2014 के लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई थी। 

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