मराठियों को नहीं लगता कि बाहरी लोगों से उन्हें खतरा है

मुंबई शहर और महाराष्ट्र राज्य घोटाले, हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारी, “अपराध” के आरोपी मशहूर हस्तियां और हाल ही में धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर और हनुमान चालीसा जैसे मुद्दे को लेकर चर्चा में है। हालांकि, दशकों के विभाजनकारी बयानबाजी, राजनीतिक झड़पों और कुछ हिंसा के बावजूद, 60% से अधिक गैर-मराठियों का कहना है कि स्थानीय ‘मराठी मानुष’ उनके साथ बहुत अच्छा व्यवहार करते हैं और 60% से अधिक मराठियों को नहीं लगता कि बाहरी लोगों से उन्हें खतरा है। सी-वोटर द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में ये सामने आया है। 

मुंबई 1 मई को महाराष्ट्र राज्य की राजधानी बनने के 62 वर्ष मना रहा है। शहर के लगभग 1,300 निवासियों का एक सर्वेक्षण, जिसमें समान रूप से महाराष्ट्र में पैदा हुए और अन्य राज्यों में पैदा हुए लोगों से सवाल पूछे गए। राज्य के सबसे पसंदीदा नेता डॉ बीआर अंबेडकर हैं, वहीं शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे दूसरे नंबर पर हैं। जहां 35.2% गैर-मराठियों ने अंबेडकर को चुना, वहीं 32.3% मराठियों ने कहा कि वह उनकी पहली पसंद थे। संयोग से डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर का जन्म आधुनिक महाराष्ट्र के अंदर नहीं बल्कि आधुनिक मध्य प्रदेश में हुआ था।

“दूसरे सबसे प्रशंसित नेता बालासाहेब ठाकरे थे, जिन्हें क्रमशः 15.3% और 17.1% गैर-मराठियों और मराठियों ने चुना था। शरद पवार और उद्धव ठाकरे मुंबईवासियों को प्रेरित नहीं करते। हैरानी की बात यह है कि हाल ही में दिवंगत हुई लता मंगेशकर को भी न तो 3.5% वोट मिले हैं। लगभग 11% गैर-मराठियों ने (सामाजिक कार्यकर्ता) अन्ना हजारे को चुना, जबकि लगभग 4% मराठी मानुषों ने उन्हें चुना।

मराठी और गैर-मराठियों दोनों ने अपने पसंदीदा व्यंजन के रूप में ‘पाव भाजी’ को चुना। दोनों ने मुंबई की सुरक्षा को लेकर संतुष्टी व्यक्त की। हालांकि दोनों सहमत थे कि सार्वजनिक परिवहन मुंबई में एक गंभीर समस्या है। जब बॉलीवुड में सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वालों की बात आती है, तो अमिताभ बच्चन और अक्षय कुमार क्रमशः 25% और 24% वोटों के साथ चार्ट में सबसे ऊपर थे, मराठियों और गैर-मराठियों की पसंद में शायद ही कोई अंतर था। आमिर, शाहरुख और सलमान खान की दिग्गज खान तिकड़ी में से किसी ने भी 10% के मार्क को नहीं छुआ।

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